दुर्ग (छत्तीसगढ़)। ट्वीन सिटी के सहेली ज्वेलर्स पर पिछले दिनों डीआरआई द्वारा दी गई दबिश पर सवाल उठने लगे हैं। संस्थान के संचालकों ने इस दौरान की गई डीआरआई की टीम की कार्रवाई को अवैधानिक करार दिया है। संचालकों का आरोप है कि टीम के अधिकारियों व सदस्यों द्वारा दुर्व्यवहार, मारपीट की गई। वहीं संचालक सुनील जैन के साथ जबरदस्ती का प्रयास किया गया। जिससे उनकों जान का खतरा होने की संभावना बन गई थी। इसके अलावा टीम पर संस्थान के दस्तावेजों, कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, सीसीटीवी केमरे के सभी फुटेज बिना पंचनामा बनाए अवैध रूप से साथ ले जाने का आरोप भी लगाया गया है।
बता दें की डॉयरेक्टर आफ रेवन्यू इंटेलिजंस (डीआरआई) की टीम द्वारा उपनिदेशक रायपुर जोन के नेतृत्व में 2 दिसंबर की सुबह दबिश दी गई थी। टीम में लगभग 40 सदस्य शामिल थे। जिन्होंने सहेली ज्वेलर्स के सभी प्रतिष्ठानों के साथ संस्थान के संचालकों निवास की जांच-पड़ताल की गई थी। यह कार्रवाई देर रात लगभग एक बजे तक जारी रही। डीआरआई द्वारा की गई इस कार्रवाई के दौरान अपनाई गई कार्यप्रणाली को संचालक द्वय मदन जैन तथा सुनील जैन ने अवैधानिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अवैधानिक कार्रवाई कर उपनिदेशक नितिन अग्रवाल व्यापरियों में दहशत का वातावरण निर्मित करने और केन्द्र सरकार द्वारा व्यापारियों के हित में अपनाई जा रही नीतियों पर पलीता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। यहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि डीआरआई का गठन केंद्र सरकार द्वारा स्मगलिंग और ड्रग से जुड़े मामलों की पड़ताल किए जाने के लिए किया गया है। उनके प्रतिष्ठानों पर दी गई दबिश में डीआरआई की टीम ने सभी नियमों की अनदेखी की गई। पड़ताल के दौरान किसी भी प्रतिष्ठान या निवास में टीम को किसी प्रकार अवैध सामग्री बरामद नहीं हुई। इसके बावजूद टीम ने बिना पंचनामा बनाए दुकानों के दस्तावेजों के साथ कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, सीसीटीवी का डीवीआर, 6 मोबाइल फोन को जब्त कर लिया गया। कार्रवाई के दौरान दुकान के एकाउंटेंट मोहम्मद आरिफ से मारपीट की गई। वहीं संचालक सुनील जैन का स्वास्थ्य बिगड़ने पर किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई। सुनील जैन द्वारा जांच की कार्रवाई स्थानीय पुलिस अधिकारियों व नागरिकों की उपस्थिति में सार्वजनिक रूप से किए जाने की मांग की गई, जिसे अनसुना कर दिया गया। पड़ताल की कार्रवाई पश्चात सुनील जैन को जबरिया देर रात को साथ ले जाने का प्रयास किया गया। जिससे उनके हाथ में तकलीफ हो गई थी। जिसका बाद में उपचार कराया गया है।
संचालकों ने आरोप लगाया कि दुकान से किसी प्रकार की अवैध सामग्री व दस्तावेज नहीं मिलने तथा पड़ताल में पूरा सहयोग दिए जाने बावजूद टीम के सदस्यों द्वारा दुर्व्यवहार व मारपीट की गई। टीम ने सोना व नगदी रकम को भी साथ ले जाने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन विरोध के कारण वह इसमें सफल नहीं हो पाए। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री से की है। पत्रवार्ता के दौरान छत्तीसगढ़ चेंबर आफ कामर्स के पदाधिकारी प्रकाश सांखला, पवन बड़जात्या सहित अन्य व्यापारी भी मौजूद रहे।

