दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नियमितिकरण की मांग को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने 19 सितंबर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी महासंघ ने भी संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के समर्थन और आंदोलन में शामिल होने की घोषणा किया है। महासंघ के प्रदेश महासचिव रवि गढ़पाले संविदा कर्मियों के आंदोलन को जायज ठहराते हुए आंदोलन को समर्थन की बात कही है।
महासंघ के मुताबिक वर्तमान कांग्रेस सरकार ने चुनावी जनघोषणा पत्र में प्रदेश के सभी अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। वहीं वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री और तब के चुनावी जनघोषणा पत्र प्रभारी टीएस सिंहदेव ने सरकार बनने के 10 दिन के भीतर नियमितिकरण का वादा किया था। लेकिन सरकार वादे से मुकर रही है। सरकार बनने के लगभग 2 साल बाद भी नियमितीकरण की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। इसे लेकर अनियमित कर्मचारियों में रोष है।
महासंघ के अध्यक्ष का कहना है कि सरकार को कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए तत्काल संविदा कर्मियों के पक्ष में निर्णय करना चाहिए। कोरोना संक्रमण अभी चरम स्थिति में है, ऐसे में कर्मचारी आंदोलन पर चले जाते हैं तो स्वास्थ्य सेवा गड़बड़ा सकती है। उन्होंने सरकार से कर्मियों के नियमितिकरण की मांग तत्काल पूरा करने की मांग की है।
महासंघ के मुताबिक जनघोषणा में कर्मचारियों की छटनी नहीं करने की बात भी लिखी गई थी। इसके विपरीत लगातार कर्मचारियों की छटनी जारी है। हाल ही में महिला एवं बाल विकास विभाग से पोषण अभियान अंतर्गत जिला समन्वयक और विकासखंड समन्वयक के पद पर पदस्थ 64 अनियमित कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर दिया गया है। जबकि इन कर्मचारियों के सहयोग से पोषण अभियान अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य को देश भर में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
41 अतिथि शिक्षक भी किए गए सेवामुक्त
इसी तरह उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत आईटीआई के 41 अतिथि शिक्षकों की भी सेवा समाप्त कर दी गई है। जबकि इन अतिथि शिक्षकों ने कोरोनाकाल में भी ऑनलाइन क्लास लेकर अपनी सेवाएं विभाग को दी है। शासन का निर्देश है कि कोरोनाकाल में किसी कर्मचारी की सेवा समाप्ति नहीं करनी है, इसके बावजूद कर्मचारियों की छटनी लगातार जारी है।