दोस्त की जमीन पर कब्जा कर उस पर भंडार गृह व प्रार्थना स्थल बनाने के आरोपी को अब जेल की हवा खानी होगी। आरोपी ने राजस्व न्यायालय के आदेश के बाद भी कब्जा नहीं छोड़ा था। साथ ही कब्जा मुक्त कराने गए प्रशासनिक अमले के साथ बदसलूकी भी की थी। इस मामले में आरोपी पिछले ढाई माह से फरार था। पुलिस ने बुधवार को उसे गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां से उसे रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला बोरसी क्षेत्र का है। बोरसी निवासी राजेन्द्र श्रीवास्तव व के.जी. वर्गिस आपस में दोस्त थे। राजेन्द्र की बोरसी के पंचशील नगर में 11,000 वर्ग फीट की जमीन है। इस जमीन पर कुछ वर्षो पूर्व के.जी. वर्गिस ने राजेन्द्र को विश्वास में लेकर अस्थायी निर्माण कराया था। जिसके बाद वर्ष 2007 में निर्माण को स्थाई कर वहां पर 4,000 वर्ग फीट पर भंडार गृह के साथ प्रार्थना स्थल व चर्च भी बनवा दिया। जिसकी जानकारी होने पर राजेन्द्र ने कब्जें को हटाने की बात कहीं, लेकिन वर्गिस ने इससे इंकार कर दिया। जिस पर विवाद को राजस्व न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
राजस्व न्यायालय ने 15 मई 2019 को राजेन्द्र श्रीवास्तव के पक्ष में फैसला सुनाया। न्यायालय के निर्देश पर तहसीलदार के साथ अमला के.जी. वर्गिस द्वारा किए गए कब्जें को मुक्त कराने मौके पर पहुंचा था। जिस पर अमले के साथ अभद्रता करते हुए वर्गिस ने कब्जा को बेदखल करने का विरोध किया। इसकी शिकायत पद्मनाभपुर पुलिस में की गई थी। 15 जून को की गई इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने के.जी. वर्गिस के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने के साथ गालीगलौच करने और धमकी देने का अपराध पंजीबद्ध किया गया था। जिसके बाद से आरोपी फरार था। लगभग ढाई माह के बाद आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां से उसे न्यायायिक अभिरक्षा के तहत जेल भेज दिया गया है।
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