छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि: अब कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं, एकल शिक्षक स्कूलों की संख्या में 80% की कमी

रायपुर, 15 जून 2025 — छत्तीसगढ़ राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पहली बार राज्य का कोई भी स्कूल — चाहे वह प्राथमिक हो, माध्यमिक या उच्च माध्यमिक — शिक्षकविहीन नहीं है। साथ ही, एकल शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या में 80 प्रतिशत की प्रभावशाली गिरावट दर्ज की गई है।

शिक्षा में सामाजिक न्याय की बहाली

यह महत्वपूर्ण परिवर्तन राज्य सरकार द्वारा व्यापक शिक्षक पुनर्संयोजन (rationalisation) अभियान के अंतर्गत संभव हुआ है। इस अभियान का उद्देश्य शिक्षण संसाधनों का समान वितरण, शिक्षकों की तार्किक पदस्थापना, और शिक्षा का अधिकार अधिनियमराष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप कदम उठाना रहा है।

इससे पहले राज्य में 453 स्कूल शिक्षकविहीन थे और 5,936 स्कूलों में केवल एक शिक्षक कार्यरत थे। यह स्थिति सुकमा, नारायणपुर और बीजापुर जैसे दूरस्थ और अति-संवेदनशील जिलों में विशेष रूप से चिंताजनक थी।

तीन-स्तरीय काउंसलिंग प्रक्रिया का प्रभाव

राज्य सरकार ने इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए जिला, संभाग और राज्य स्तर पर तीन-स्तरीय काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की। इसके माध्यम से शिक्षकों का स्थानांतरण एक सुनियोजित और न्यायसंगत प्रक्रिया के तहत किया गया। परिणामस्वरूप, आज छत्तीसगढ़ में कोई भी स्कूल बिना शिक्षक के नहीं है और हर उच्च विद्यालय में न्यूनतम आवश्यक शिक्षक पदस्थ हैं

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा,

“हम दृढ़ संकल्पित हैं कि छत्तीसगढ़ का कोई भी बच्चा शिक्षक के बिना पढ़ाई न करे। यह केवल स्थानांतरण नहीं बल्कि शिक्षा में न्याय की बहाली है। यह पहल न केवल अधिनियमों का अनुपालन है, बल्कि समावेशी और सशक्त शिक्षा व्यवस्था की नींव है।”

एकल शिक्षक स्कूलों की संख्या में अब और कमी की योजना

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि एकल शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या में और कमी लाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। वर्तमान में राज्य में 1,207 प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं, जहां केवल एक शिक्षक कार्यरत हैं। इन स्कूलों में भी जल्द ही प्रचार, पदोन्नति और नई नियुक्तियों के माध्यम से अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी।

इन जिलों में सबसे अधिक एकल शिक्षक स्कूल

जिलाएकल शिक्षक स्कूल
बस्तर283
बीजापुर250
सुकमा186
मोहला-मानपुर-चौकी124
कोरबा89
बलरामपुर94
नारायणपुर64
धमतरी37
सुरजपुर47
दंतेवाड़ा11
अन्य जिले22

इन सभी स्कूलों में आवश्यकता के अनुसार शीघ्र अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी।

शिक्षा में समावेशिता की दिशा में सशक्त कदम

राज्य सरकार की यह पहल स्पष्ट करती है कि rationalisation कोई साधारण प्रशासनिक कवायद नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय आधारित शिक्षा सुधार है। यह प्रयास हर बच्चे, हर गांव और हर स्कूल को केंद्र में रखकर किया गया है, ताकि हर छात्र को समान अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *