रायपुर, 17 जून 2025।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के 15वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित पं. दीनदयाल ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने ‘सार्थक’ एवं ‘रक्षक’ अभियानों का शुभारंभ किया और कहा कि ये पहलें बाल अधिकारों के संरक्षण व जागरूकता के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाल अधिकारों की रक्षा केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित न रहकर बस्तर और सरगुजा जैसे सुदूर अंचलों तक होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कम उम्र में कई बच्चे काम की तलाश में शहरों की ओर पलायन करते हैं और वहां जानकारी के अभाव में शोषण का शिकार हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ने आयोग से आग्रह किया कि ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें शासन की योजनाओं से जोड़ा जाए ताकि उन्हें सुरक्षा और अवसर मिल सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा से ही समाज सशक्त बनता है, और इसी उद्देश्य से राज्य सरकार गांव-गांव तक स्कूल, कॉलेज और कोचिंग की सुविधाएं पहुँचा रही है। उन्होंने “प्रयास”, “नालंदा परिसर” और दिल्ली स्थित “ट्राइबल यूथ हॉस्टल” जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ये बच्चों और युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए हैं।
इस मौके पर आयोग की अध्यक्ष श्रीमती वर्णिका शर्मा ने आयोग द्वारा अब तक किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ‘सार्थक अभियान’ का उद्देश्य जनमानस में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता लाना है जबकि ‘रक्षक अभियान’ के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में बाल अधिकार संरक्षण कानूनों की जानकारी दी जा रही है।
कार्यक्रम के दौरान बाल अधिकारों के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले पुलिस जवानों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और छात्राओं को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही आयोग द्वारा तैयार की गई नई मार्गदर्शिका बुकलेट, रक्षक बुकलेट, गुड टच-बैड टच, मानव तस्करी और शिक्षा के अधिकार पर आधारित कार्टून पुस्तकें भी विमोचित की गईं।
समारोह में विधायक श्री सुनील सोनी, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री गुरु खुशवंत साहेब, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज सहित अनेक जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
📌 मुख्य विशेषताएं:
- बाल आयोग के 15वें स्थापना दिवस पर आयोजन
- ‘सार्थक’ और ‘रक्षक’ अभियानों का शुभारंभ
- दूरदराज क्षेत्रों में बाल अधिकारों के संरक्षण पर जोर
- बाल अधिकारों की जानकारी से जुड़ी पुस्तकों का विमोचन
- बच्चों और किशोरों की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण पर राज्य सरकार का फोकस
