भिलाई, 12 जून 2025:
भारत और जर्मनी के बीच अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) भिलाई ने जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ़ सीगेन के साथ एक स्मृति-चिह्न समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता संयुक्त अनुसंधान, अकादमिक आदान-प्रदान और सहयोगी परियोजनाओं को प्रोत्साहित करेगा।
इस साझेदारी का सबसे बड़ा आकर्षण IIT भिलाई में ‘सेंसर’ विषय पर एक संयुक्त अनुसंधान केंद्र की स्थापना है। यह केंद्र दोनों संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा सह-प्रबंधित किया जाएगा और सेंसर तकनीक में अत्याधुनिक शोध और नवाचार का केंद्र बनेगा।

समारोह और सहभागिता:
समझौता समारोह यूनिवर्सिटी ऑफ़ सीगेन में आयोजित हुआ, जहाँ दोनों संस्थानों के प्रमुखों ने औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में डॉ. बनर्जी (भारतीय दूतावास, जर्मनी) ने भाग लिया और इस पहल को भारत-जर्मनी के वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को सशक्त करने की दिशा में मील का पत्थर बताया।
आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश ने कहा कि यह सहयोग छात्रों और शोधकर्ताओं को वैश्विक अनुभव, उन्नत प्रयोगशालाएं और विशेषज्ञता तक पहुँच प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल स्वास्थ्य, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक उपयोग के लिए अंतरविषयक अनुसंधान के नए रास्ते खोलेगी।
प्रमुख उद्देश्य:
- सेंसर तकनीकों में संयुक्त अनुसंधान और नवाचार
- छात्रों और फैकल्टी के बीच शैक्षणिक आदान-प्रदान
- वैश्विक ज्ञान पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान
- इंडस्ट्रियल और सामाजिक जरूरतों के लिए टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन
इस समझौते के माध्यम से भारत-जर्मनी संबंधों को नई वैज्ञानिक दिशा मिलेगी, और दोनों देशों के शिक्षण संस्थानों को विश्व मंच पर एक नई पहचान मिलेगी।
