रायगढ़, छत्तीसगढ़ — भारत का पहला हाइड्रोजन फ्यूल सेल ट्रक अब कोयला परिवहन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। अदाणी एंटरप्राइजेज ने शनिवार को छत्तीसगढ़ सरकार के कोयला ब्लॉक में इस स्मार्ट तकनीक से लैस ट्रक को तैनात किया। यह पहल पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार खनन और स्वच्छ परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायगढ़ जिले के गेरे पेल्मा-III कोयला ब्लॉक से इस ट्रक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रक छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड के बिजली संयंत्र तक कोयला पहुंचाएगा।

यह हाइड्रोजन ट्रक तीन हाइड्रोजन टैंक से लैस है और एक बार में 40 टन माल को 200 किलोमीटर तक ले जा सकता है। यह ट्रक केवल जलवाष्प और गर्म हवा उत्सर्जित करता है, जिससे शोर और प्रदूषण दोनों में कमी आती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “छत्तीसगढ़ में देश का पहला हाइड्रोजन ट्रक लॉन्च होना राज्य की सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, बल्कि खनन उद्योग के लिए एक नई मिसाल भी स्थापित होगी।”
खनन क्षेत्र में अधिकांश मशीनें अभी भी डीजल पर चलती हैं, जिससे भारी मात्रा में प्रदूषण होता है। ऐसे में हाइड्रोजन जैसी स्वच्छ ऊर्जा की ओर रुख करना देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज़ से अहम है।
अदाणी समूह भारतीय और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी कंपनियों व एक प्रमुख वाहन निर्माता के साथ मिलकर ऐसे ट्रकों का विकास कर रहा है जो बैटरी व हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलेंगे। कंपनी जल्द ही डीजल ट्रकों की जगह इन पर्यावरण अनुकूल वाहनों का इस्तेमाल करेगी।
अदाणी ने यह भी बताया कि वह एशिया की पहली “डोज़र पुश सेमी-ऑटोनोमस टेक्नोलॉजी” को अपनाकर पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करने की दिशा में अग्रसर है। इसके अलावा, सोलर पॉवर, डिजिटल टेक्नोलॉजी और पेड़ स्थानांतरित करने वाली मशीनों का भी उपयोग कर ‘मॉडल माइंस’ तैयार की जा रही हैं।
