छत्तीसगढ़ विधानसभा में जल जीवन मिशन पर हंगामा, विपक्ष ने केंद्र और राज्य सरकार को घेरा

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को जल जीवन मिशन (Jal Jivan Mission) की खस्ताहाल स्थिति पर जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत (Dr. Charandas Mahant) ने प्रश्नकाल के दौरान योजना के अधूरे कार्य और फंडिंग को लेकर सरकार से जवाब मांगा।

2250 करोड़ रुपये के केंद्रांश पर उठा सवाल

महंत ने सवाल किया कि 2250 करोड़ रुपये के केंद्रांश में से अब तक 2158 करोड़ रुपये राज्य सरकार को क्यों नहीं मिले? इस पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने जवाब दिया कि भारत सरकार ने योजना की अवधि 2028 तक बढ़ाई है और बजट का प्रावधान किया गया है। आने वाले समय में इस योजना के लिए फंड जारी किया जाएगा।

योजना का 50-60% काम पूरा, 80% घरों में नल कनेक्शन

डिप्टी सीएम ने बताया कि 26,000 करोड़ रुपये की जल जीवन मिशन योजना का 50-60% कार्य पूरा हो चुका है, और 80% से ज्यादा घरों तक नल कनेक्शन दिया जा चुका है।

भुगतान में देरी पर भी उठा सवाल

महंत ने फिर पूछा कि योजना के तहत अब तक 13,376 करोड़ रुपये ही क्यों जारी किए गए हैं? इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि राशि की उपलब्धता के आधार पर भुगतान किया जा रहा है।

भाजपा विधायक मूणत के बयान पर विपक्ष हुआ नाराज

भुगतान में देरी को लेकर महंत ने सवाल किया कि क्या यही वजह है कि केंद्र से फंड नहीं मिल रहा? इस पर भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने जवाब दिया कि यह पिछली सरकार की नीतियों का परिणाम है। उन्होंने कहा, “जब आपकी सरकार थी, तब आप निर्देश दे सकते थे।”

महंत ने दिया पलटवार

महंत ने नाराजगी जताते हुए कहा, “कब तक पुरानी सरकार का बहाना बनाकर बचेंगे? अगर गड़बड़ी हुई है तो जांच कराइए।” इस पर विधायक धर्मजीत सिंह ने भी कटाक्ष करते हुए कहा, “सरकार जांच की मांग करती है और फिर ईडी और सीडी को लेकर जुलूस निकालती है।”

विपक्ष ने फंडिंग में पारदर्शिता की मांग की

इस पूरे घटनाक्रम के बाद विपक्ष ने जल जीवन मिशन की फंडिंग में पारदर्शिता लाने और योजना के कार्यों में तेजी लाने की मांग की।

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