भारत और मॉरीशस के बीच संबंध हुए और मजबूत, ‘महासागर’ विज़न की घोषणा

पोर्ट लुईस: भारत और मॉरीशस ने अपने संबंधों को ‘उन्नत रणनीतिक साझेदारी’ (Enhanced Strategic Partnership) के स्तर पर ले जाते हुए समुद्री सुरक्षा, व्यापार और स्थानीय मुद्राओं में लेन-देन सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए आठ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के दो दिवसीय दौरे के दौरान इस रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की और वैश्विक दक्षिण (Global South) के विकास और सुरक्षा के लिए ‘महासागर’ (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions – MAHASAGAR) नामक नई नीति का अनावरण किया।

‘महासागर’ विज़न: क्या है खास?

➡️ SAGAR नीति का विस्तार: 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस यात्रा के दौरान SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देना था। अब ‘महासागर’ उसी नीति का उन्नत संस्करण है, जिसमें वैश्विक सहयोग और समुद्री सुरक्षा को और मजबूती दी जाएगी।

➡️ चीन के बढ़ते प्रभाव पर रोक: हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर यह नीति क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भारत का एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

➡️ मॉरीशस की समुद्री सुरक्षा में भारत की भूमिका: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“हम मॉरीशस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone – EEZ) की सुरक्षा के लिए पूरा सहयोग देंगे।”

मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मोदी रहे मुख्य अतिथि

प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और कई विकास परियोजनाओं की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत और मॉरीशस का रिश्ता इतिहास, संस्कृति और साझा मूल्यों पर आधारित है।

समझौते किन क्षेत्रों में हुए?

🔹 समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग
🔹 स्थानीय मुद्राओं में व्यापार
🔹 डिजिटल पेमेंट सिस्टम और फिनटेक सहयोग
🔹 इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा क्षेत्र में भागीदारी
🔹 संयुक्त विकास परियोजनाएं

भारत-मॉरीशस साझेदारी का महत्व

मॉरीशस, हिंद महासागर में भारत का रणनीतिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध हैं। इस दौरे के दौरान हुए समझौते व्यापार, रक्षा और कूटनीति के क्षेत्र में भारत की वैश्विक भूमिका को और मजबूत करेंगे।

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