सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब और हरियाणा सरकारों पर पराली जलाने के मामलों पर प्रभावी कार्रवाई न करने को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। पराली जलाने से दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण की स्थिति और खराब हो जाती है। शीर्ष अदालत ने दोनों राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि पर चिंता जताई और इसे वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के आदेशों की “पूर्ण अवहेलना” करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव को 23 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की निगरानी करने वाले केंद्रीय पैनल की आलोचना करते हुए इसे “निष्क्रिय” करार दिया। न्यायालय ने कहा कि आयोग अपने निर्देशों को लागू करने में विफल रहा है।
न्यायमूर्ति ए.एस. ओका ने कहा, “हमें हरियाणा के हलफनामे में पूरी तरह से गैर-अनुपालन दिखाई देता है। हम आयोग को राज्य अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं। हम मुख्य सचिव श्री प्रसाद को अगले बुधवार को शारीरिक रूप से उपस्थित होने का निर्देश देते हैं। आयोग को राज्य अधिकारियों के खिलाफ की गई दंडात्मक कार्रवाई पर बयान देना होगा। मुख्य सचिव को न केवल अनुपालन न करने के लिए बल्कि उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न करने के लिए भी अदालत को स्पष्टीकरण देना होगा।”