चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के गोंडा में पटरी से उतरने के बाद हुए हादसे में तीन लोगों की जान चली गई और 30 लोग घायल हो गए। राहत आयुक्त कार्यालय की परियोजना निदेशक अदिति उमराव ने बताया कि गोंडा ट्रेन हादसे में राहत कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की टीमें तैनात की गई हैं।
उमराव ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “पर्याप्त एंबुलेंस, एसडीआरएफ की तीन टीम और एनडीआरएफ की दो टीमें जिलाधिकारी (डीएम) और अन्य अधिकारियों की देखरेख में तैनात की गई हैं। हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। राहत हेल्पलाइन 1070 को 24×7 सक्रिय किया गया है। हमें परिवार के सदस्यों से कॉल प्राप्त हो रहे हैं। इसके अलावा, दो अन्य नंबर भी शुरू किए गए हैं।”
राहत कार्यों में जुटी टीमों ने मौके पर पहुंचकर तेजी से कार्य शुरू कर दिया है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है। प्रशासन ने यात्रियों और उनके परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
इस हादसे के बाद रेल मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं और दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। हादसे के बाद रेलवे ट्रैक की मरम्मत का काम तेजी से किया जा रहा है ताकि रेल यातायात जल्द से जल्द बहाल किया जा सके।
अदिति उमराव ने बताया कि प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जरूरतमंदों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है। घटना के बाद से ही जिला प्रशासन और राहत एजेंसियां पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही हैं।