छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने फैसला किया है कि पिछले कांग्रेस शासनकाल में किए गए एक सर्वेक्षण के आधार पर अधिकतम 47,000 परिवारों को घर देने का ऐलान किया है। इस फैसले की घोषणा मंगलवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साई द्वारा बैठक में की गई थी, जिसमें उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने पत्रकारों को बताया।
राज्य सरकार द्वारा लिया गया सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण, जो पिछले साल 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक किया गया था, ने कुल 59.79 लाख परिवारों का आंकलन किया। इस सर्वेक्षण में से 47,090 परिवारों को बेघर माना गया। ये बेघर परिवार राज्य सरकार द्वारा आयोजित स्थायी प्रतीक्षा सूची (PWL) में शामिल नहीं थे, जो सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना -2011 (SECC-2011) के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभार्थी होने के लिए आवश्यक होती है।
यह निर्णय छत्तीसगढ़ सरकार के पक्ष से एक प्रयास को दर्शाता है कि सरकारी आवास योजनाओं के तहत अब उन वंचित जनजातियों की भी जरूरतों को पूरा किया जाएगा, जिन्हें पहले सरकार द्वारा अनदेखा किया गया था।