भुवनेश्वर (ओडिशा)। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की शाम में हुए ट्रेन हादसों में मौत कि आंकडा 300 को पार कर रहा है वहीं घायलों की संख्या एक हजार पहुंच चुकी है। हालांकि अधिकारिक तौर पर अब तक 288 लोग मारे गए तो वहीं 850 के करीब घायल हैं। यह हादसा भारत में आजादी के बाद से हुए घातक ट्रेन हादसों में से एक है। हादसे के बाद रेलवे प्रशासन घटना के कारणों पर पर्दा डालने जुट गया है और इस संबंध में अलग-अलग बयान जारी किए जा रहे हैं। वहीं दुर्घटना की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा कमेटी गठित किए जाने की बात भी कही जा रही है।
इस घातक हादसे के बाद टीएमसी ने पड़ोसी राज्य में तीसरी बार हुए रेल हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफा की मांग की। इस हादसे के बाद ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने शनिवार को एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
यह हादसा कितना घातक था इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि रेल की पटरी सीधे ट्रेन की फर्श को चीरते हुए अंदर घुस गई। आर्मी और एनडीआरएफ के जवान रेस्क्यू कार्य में जुटे हैं। बोगियों में फंसे हुए लोगों की तलाश भी जारी है।
घटना शुक्रवार की शाम की है, जब कोलकाता से चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। इसी बीच यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस (दुरंतो) वहां आ गई और कोरोमंडल से टकराकर पलट गई। इस टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टक्कर हो गई, जिसमें ट्रेन का इंजन बोगी के ऊपर चढ़ गया।
मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम अभी भी फंसे हुए लोगों को निकालने में जुटी हुई है। ट्रेन के बोगियों में यात्रियों के जूते-चप्पल, खाने पीने का सामान और पानी की बोतलें बिखरे हुए हैं। बचाव अभियान में सेना भी रेस्क्यू टीम का सहयोग कर रही है। इस हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।
इस हादसे में घायल हुए लोगों को भुवनेश्वर, कटक और बालासोर के अस्पतालों में भेजा गया। रेल मंत्री अश्विनी वैश्नव बालासोर पहुंचकर दुर्घटना स्थल का जायजा लिया इस हादसे में मारे गए लोगों के लिए पीएम ने दो लाख रुपये तो रेल मंत्रालय की तरफ से 10 लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की गई है। वहीं घायलों को पीएम की तरफ से 50 हजार रूपये दिए जाएंगे।