नाबालिग से डरा-धमका कर कराया मुख मैथुन, युवक को अदालत ने दिया कुल 31 वर्ष का कारावास

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग को सुनसान इलाके ले जाकर डरा धमका कर मुख मैथुन करने मजबूर किए जाने के मामले में पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया है। आरोपी युवक को अदालत ने विभिन्न धाराओं के तहत कुल 31 वर्ष के कारावास व ढाई हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। यह फैसला मंगलवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।

मामला दुर्ग कोतवाली क्षेत्र का है। पीड़ित 10 वर्षीय बालक 8 मार्च 2021 को घर से खाना खाकर खेलने निकला था। दोपहर को आरोपी सुनील चंद्राकर उर्फ लीलू उर्फ रेमटा बालक को मुनगा तोड़ने के बहाने खेत की ओर ले गया। जहां सुनसान इलाके में बालक को धमकाकर मुख मैथुन करने के लिए मजबूर किया। घर आने पर इस घटना की जानकारी बालक ने परिजनों को दी। जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया।

प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात पॉक्सो स्पेशल कोर्ट विशेष न्यायाधीश सरिता दास ने अभियुक्त सुनील चंद्राकर उर्फ लीलू उर्फ रेमटा (19 वर्ष) को दोषी करार देते हुए दफा 377 के तहत 10 वर्ष, 506 के तहत 1 वर्ष तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4(2) के तहत 20 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला दिया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।