अयोध्या विवाद को लेकर शीर्ष अदालत में सुनवाई का अंतिम दिन काफी तनावपूर्ण रहा। मुस्लिम पक्ष के वकील द्वारा पीठ के समक्ष प्रस्तुत किए गए नक्शा को फाड़ने से यह स्थिति निर्मित हुई। इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि यदि कोर्ट का डेकोरम नहीं बनाए रखा गया तो हम कोर्ट से चले जाएंगे। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने अन्य कुछ याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया और सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि अब बहुत हो चुका, हम शाम को पांच बजे उठ जाएंगे।
नई दिल्ली। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ बुधवार को आखिरी सुनवाई कर रही है। 40वें दिन हिंदू पक्ष की ओर से अपनी दलीलें रखी जा रही हैं।सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिन्दू महासभा के वकील विकास सिंह की ओर से पेश कि गए नक्शे को फाड़ दिया। जिस पर सीजेआई रंजन गोगोई ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर अदालत का डेकोरम नहीं बनाए रखा गया तो हम कोर्ट से चले जाएंगे।
वहीं इस मुद्दे पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि, मैंने कहा था कि मैं इसे फेंक रहा हूं. चीफ जस्टिस ने कहा कि जो करना है करो, तो मैंने फाड़ दिया।
बुधवार को मुस्लिम पक्ष की तरफ से राजीव धवन ने बहस शुरू की। राजीव धवन ने कहा कि धर्मदास ने केवल ये साबित किया कि वो पुजारी है न कि शबैत. हिन्दू महासभा की तरफ से सरदार रविरंजन सिंह, दूसरे विकास सिंह, तीसरा सतीजा और चौथा हरि शंकर जैन चार लोगों के सबूत दिए है। ये साबित नहीं कर पा रहे है कि वे किस महासभा को लेकर बहस कर रहे है।इसका मतलब है महासभा 4 हिस्सों में बंट गई है। पी एन मिश्रा ने कहा मुस्लिम पक्ष के पास कब्जे को लेकर कोई अधिकार नहीं है। लेकिन हिन्दू पक्ष के पास सबूत हैं। जहांगीर के समय यात्री विलियम फिलिमच ने देखा था कि वहां हिन्दू पूजा कर रहे थे। 1858 के गजेटियर में ये पहली बार सामने आया कि मुस्लिम और हिन्दू दोनो वहां प्रार्थना करते थे. उसके पहले मुस्लिम वहां नमाज़ अदा करते थे इसके सबूत नहीं थे।