भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) के माध्यम से गु्रप मेडिक्लेम पालिसी के तहत कराए गए बीमा के तहत क्लेम राशि नहीं दिए जाने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा आदेश पारित किया गया है। फोरम ने इस मामले में इंश्योरेंस कंपनी को जिम्मेदार ठहराते हुए एक माह की अवधि में बीमाधन की राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है। इस मामले में बीएसपी प्रबंधन को भी पार्टी बनाया गया था, लेकिन फोरम ने बीएसपी प्रबंधन को सेवा में कमी का जिम्मेदार नहीं माना।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला उपचार में खर्च हुई राशि के भुगतान से संबंधित है। बीएसपी के रिटायर्ड कर्मचारी तकियापारा निवासी चंदरलाल चंदानी ने भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा प्रारंभ ग्रुप इंश्योरेंस योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा कराया गया था। बीमा पालिसी यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी द्वारा जारी की गई थी। मेडिक्लेम योजना के तहत सपत्निक बीमा कराने के लिए उन्होंने 7144 रु. की भुगतान किया था। इसी दौरान उन्हें फिस्टुला बीमारी का सामना करना पड़ा। जिसका इलाज चंदूलाल चंद्राकर हास्पिटल में कराया गया। इलाज पर 26 हजार 362 रु. का खर्च आया था। इस खर्च के भुगतान के लिए पेश किए गए बीमा दावा को इंश्योरेस कंपनी ने अमान्य कर दिया था। जिस पर मामले को उपभोक्ता फोरम के समक्ष पेश किया गया था। फोरम ने प्रकरण पर विचारण पश्चात इस मामले यूनाइटेड़ इंश्योरेंस कंपनी को सेवा में कमी व व्यवसायिक दुराचरण का जिम्मादार मानते हुए आदेश पारित किया है। फोरम ने इंश्योरेंस कंपनी को इलाज पर व्यय राशि में से 17,560 रु. 6 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का निर्देश दिया है। साथ ही 5000 रु. मानसिक क्षतिपूर्ति तथा 1000 रु. वाद व्यय का भुगतान करने का आदेश दिया है।