नई दिल्ली। चीन में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच केंद्र ने भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन इकोवेक को बूस्टर डोज के रूप में मंजूरी दे दी है। कोविन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध इस वैक्सीन को 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग बूस्टर डोज के तौर पर लगवा सकते हैं। केंद्र ने इस वैक्सीन की कीमत भी तय कर दी है। नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन को क्या चौथे डोज के रूप में लगवा सकते हैं इस लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि चौथा डोज लेना फायदेमंद नहीं होगा।
कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉक्टर एनके अरोड़ा ने बताया कि इंट्रानेजल वैक्सीन पहले बूस्टर के तौर पर लगाई जा सकती है। अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही प्रिकॉशनरी डोज लग चुकी है तब वहां इंट्रानेजल वैक्सीन के लिए उपलब्ध नहीं होगा। ये वैक्सीन उनके लिए ही है जिन्होंने प्रिकॉशनरी डोज अभी तक नहीं लिया है।
डॉ. अरोड़ा ने बताया कि कोविन प्लेटफॉर्म किसी भी तरह की चौथी डोज नहीं स्वीकार करेगा।
उन्होंने कहा अगर आप चौथा डोज लेना चाहते हैं तब वहां इतना कारगर नहीं होगा। जब कोई व्यक्ति बार-बार वैक्सीन लगवाता है तब उसका शरीर उस एंटीजन के लिए प्रतिक्रिया देना बंद कर देता है। या उसका उतना असर नहीं होता है। इसकारण वैक्सीन 6 महीने के अंतराल में दी जाती है। लेकिन बाद में लोगों ने इस 3 माह के अंतराल पर लेना शुरू कर दिया। उसका उतना पॉजिटिव असर देखने को नहीं मिला। इसलिए अभी चौथा डोज लेना उतना फायदेमंद नहीं होगा।
इसके अलावा प्रोफेसर विकास मिश्रा ने बताया कि जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज और उसके बाद बूस्टर डोज लगवा ली हैं वहां भूलकर भी चौथे डोज के रूप में नेजल वैक्सीन को न लें। ऐसा करने पर एंटीजन सिंक फिनोमेना हो सकता है। मतलब यह कि शरीर में अत्यधिक एंटीजन होने से उसके खिलाफ एंटीबॉडी नहीं बन पाएगी। इसके बाद कोरोना वायरस हमला करेगा तो एंटीबॉडी उस एंटीजन की पहचान नहीं करा पाएगा इससे कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा रहेगा। केंद्र सरकार ने नेजल वैक्सीन को कोविन प्लेटफॉर्म पर लिस्ट कर दिया है और बूस्टर डोज के रूप में लेने के लिए मंजूरी भी दे दी है।