दुर्ग में निजी भूमि पर छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के दावे को तहसील न्यायालय ने किया खारिज, जानिए पूरी हकीकत

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड द्वारा दुर्ग शहर स्थित निजी भूमियों पर किए गए दावे को दुर्ग तहसील न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया है। वक्फ बोर्ड ने इन भूमियों पर तकियापारा मस्जिद का स्वामित्व होने का दावा किया गया था। जिस पर तहसील न्यायालय द्वारा आपत्तियां मंगाई गई थी। वक्फ बोर्ड के इस दावे के खिलाफ 1711 आपत्ति कराई गई। प्रकरण का निराकरण करते हुए तहसीलदार ने उल्लेख किया है कि प्रकरण पर आवेदन प्रस्तुत करने के बाद आवेदक लगातार अनुपस्थित रहा और दावा की गई जमीनों का मालिकाना हक निजी व्यक्तियों के नाम पर दर्ज है। अतः इस आवेदन को खारिज किया जाता है।

बता दें कि दुर्ग जिले के प.ह.नं. 24 स्थित भूमि खसरा नं. 21/2, 29/2, 146/4, 109 कुल रकबा 0.208 हे. जो कि भूमिस्वामी हक में दर्ज है। छ.ग.भू.रा.सं. 1959 की धारा 109/110 के तहत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, छ.ग. राज्य वक्फ बोर्ड रायपुर द्वारा नामांतरण हेतु आवेदन न्यायालय तहसीलदार दुर्ग को प्रस्तुत किया गया था। इस दावे की जानकारी सार्वजनिक होते ही शहर में तनाव का माहौल निर्मित हो गया था। इस दावे के खिलाफ 1711 व्यक्तियों द्वारा अपनी आपत्ति प्रस्तुत की गई थी।

वहीं प्रकरण के परीक्षण के दौरान यह तथ्य सामने आया कि पटवारी हल्का नं 24 अंतर्गत स्थित खसरा 21/2 रकबा 0.809 हेक्टेयर अनूप कुमार, खसरा 21/3 रकबा 0.023 हेक्टेयर, खसरा 29/2 रकबा 0.024 हेक्टेयर, खसरा 146 रकबा 0.036 तथा खसरा 109/5 हर्षवर्धन उर्फ जितेन्द्र गुप्ता के नाम पर दर्ज पाई गई। जिन पर वर्तमान में आवासीय और व्यवसायिक प्रतिष्ठान निर्मित है।