मुख्यमंत्री का वादा हुआ पूरा, आर्थिक तंगी से जूझ रहे बच्चों को महज तीन दिन में प्रदान की गई सहायता राशि

रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात अभियान के तहत बस्तर संभाग का दौरा कर रहे है। जहां वे सीधे आम जनता से मुलाकात कर उनकी दिक्कतों का निवारण तुरंत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बस्तर संभाग में शासकीय योजनाओं की मैदानी स्तर तक पहुंच की जांच-परख स्वयं कर रहे हैं। कई जगह मुख्यमंत्री बघेल की उदारता और संवेदनशीलता देख प्रशासन के साथ आमजन भी चौकस है। इसी कड़ी में बस्तर विधानसभा के भैंसगांव ग्राम पंचायत में भेंट-मुलाकात के दौरान 26 मई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भीड़ में भी रोती हुई बेटी को देख लिया। ग्राम पंचायत कुरूषपाल की रहने वाली इस बेटी लोकेश्वरी को मुख्यमंत्री ने अपने पास बुलाकर उनकी समस्या सुनी। लोकेश्वरी की समस्या पर तत्काल संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री द्वारा तीन लाख रूपए की सहायता राशि तत्काल स्वीकृत करने के निर्देश दिए गए।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर बस्तर प्रशासन ने तत्काल अमल करते हुए महज तीन दिन के भीतर कलेक्टर रजत बंसल ने स्वयं लोकेश्वरी के घर जाकर उन्हें 3 लाख रुपए का चेक प्रदान किया। याद दिला दें कि लोकेश्वरी ने मुख्यमंत्री को बताया था कि उसके पिता की 15 साल पहले मौत हो चुकी है। घर ना होने की वजह से अपनी विधवा मां और भाई के साथ अपने मामा के यहां रहने को मजबूर हैं। आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से वो और उसका भाई पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि घरेलू कार्यों में मां की मदद करनी पड़ती है। उनकी समस्या सुन मुख्यमंत्री ने तत्काल सहायता राशि की घोषणा की। इस मौके पर ज़िला पंचायत सीईओ रोहित व्यास एवं अनुविभागीय अधिकारी बस्तर ओपी वर्मा उपस्थित थे।

वहीं बकावंड में आयोजित 26 मई को आयोजित भेंट-मुलाकात के दौरान सवरा गांव की दृष्टिबाधित छात्रा भानुप्रिया आचार्य और उनके भाई खलेन्द्र के लिए डेढ़ लाख रुपए की सहायता राशि की स्वीकृति की घोषणा की थी। जिस पर त्वरित अमल करते हुए कलेक्टर बस्तर रजत बंसल ने इन बच्चों के घर पहुंच कर उन्हें डेढ़ लाख रुपए की सहायता राशि का चेक सौंपा। दृष्टिबाधित छात्रा भानुप्रिया आचार्य ने मुख्यमंत्री से कहा था कि ‘मैं पढ़ना चाहती हूँ। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से दिक्कत है।’ उनके दृष्टिबाधित भाई खलेन्द्र ने भी संगीत सीखने की इच्छा जाहिर की थी। दोनों के लिए भानुप्रिया ने स्मार्ट फोन और टेप रिकार्डर की माँग की। जिस पर मुख्यमंत्री ने अपने उदारता का परिचय देते हुए बकावंड में दृष्टिबाधित भाई-बहन भानुप्रिया और खलेन्द्र के पिता देवेन्द्र आचार्य की मदद और स्मार्ट फोन व अन्य उपकरण खरीदने के लिए 1.50 लाख रूपए की राशि तत्काल मंजूरी की घोषणा की थी।