दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग को उसके परिजनों की अनुमति के बिना बहला-फुसलाकर साथ ले जाने और दो माह तक उसका दैहिक शोषण करने के आरोपी युवक के खिलाफ अदालत ने फैसला सुनाया है। युवक को विभिन्न धाराओं के तहत कुल 13 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश संगीता नवीन तिवारी की अदालत में आज सुनाया गया। अभियुक्त को 51 सौ रुपए के अर्थदण्ड से दंडित भी किया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
मामला दुर्ग कोतवाली क्षेत्र का है। पीडित रायपुर निवासी 15 वर्षीय किशोरी दुर्ग में घटना दिन के लगभग तीन माह पूर्व से अपनी मौसेरी बहन के घर रह रही थी। 11 दिसंबर 2018 की शाम किशोरी घर से बिना बताए गायब हो गई। एक माह तक पतासाजी करने पर किशोरी के संबंध में कोई जानकारी हासिल नहीं होने पर 11 जनवरी 2019 को दुर्ग कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। पुलिस पड़ताल के दौरान किशोरी 6 फरवरी 2019 को अपने माता-पिता के पास रायपुर पहुंच गई। पूछताछ में जानकारी सामने आई कि रायपुर के गुढ़ियारी थाना क्षेत्र का निवासी सागर निषाद (40 वर्ष) किशोरी के बहला-फुसलाकर कर अपने साथ ले गया था और इस दरम्यान उसके साथ की बार शारीरिक संबंध भी बनाए। मामले के आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और प्रकरण को विवेचना पश्चात विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश संगीता नवीन तिवारी ने अभियुक्त सागर निषाद को दफा 376(2) के तहत 10 वर्ष कारावास तथा दफा 366 के तहत 3 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया। मामले में गिरफ्तारी के बाद से फैसला सुनाए जाने तक आरोपी जेल में ही निरूद्ध है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।