रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कल तीन मई को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय अक्ती तिहार एवं माटी-पूजन दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे इस अवसर पर परंपरागत विधि-विधान से पूजा अर्चना कर खेत में ट्रेक्टर चलाकर बीज बुआई भी करेंगे। मुख्यमंत्री इस मौके पर कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन और जैविक दूध उत्पादन हेतु डेयरी का लोकार्पण के साथ ही डॉपलर वेदर राडर की स्थापना का शिलान्यास भी करेंगे। कार्यक्रम में वे किसानों को उन्नत बीज, बायो फर्टीलाईजर एवं कृषि यंत्रों का वितरण भी करेंगे। साथ ही अक्ती तिहार गीत की कवि श्री मीर अली मीर को सम्मानित भी करेंगे।
मुख्यमंत्री अक्ती तिहार पर आयोजित साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को पुरस्कृत करने के साथ ही कृषि में नवाचार एवं बीजों के संरक्षण के लिए किसानों को पुरस्कृत भी करेंगे। मुख्यमंत्री इस मौके पर छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसलों की कृषि लागत की अध्ययन के लिए परियोजना, मिलेट्स की जिनोम सिक्वेसिंग के लिए अनुसंधान कार्ययोजना का शुभारंभ करेंगे। वे कृषि रोजगार मोबाइल एप को भी लांच करेंगे। इस दिन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त महाविद्यालयों, अनुसंधान केन्द्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों सहित लगभग 60 स्थानों पर अक्ती तिहार कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है।
कृषि महाविद्यालय रायपुर में आयोजित ‘‘अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस’’ के राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे करेंगे। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री शिव डहरिया, संसदीय सचिव गृह विकास उपाध्याय, विधायक धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा एवं अनिता योगेन्द्र शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा, बीज निगम के अध्यक्ष अग्नि चन्द्राकर, कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय तथा अनुसंधान संस्थान के 6.23 करोड़ रूपये की लागत से नवनिर्मित भवन का लोकार्पण भी करेंगे। इस महाविद्यालय भवन में स्नातक, स्नातकोत्तर तथा पी.एच.डी. स्तर की कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। यहां वर्चुअल क्लासरूम की सुविधा भी उपलब्ध होगी जहां देश-विदेश के प्रख्यात वैज्ञानिक सीधे छात्रों से जुड सकेंगे तथा उन्हें विषय वस्तु की जानकारी दे सकेंगे।
छत्तीसगढ़ शासन की सुराजी गांव योजना के अंतर्गत स्थापित उस जिले के प्रमुख गौठानों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। गौठान समितियाँ, स्व-सहायता समूहों की सहभागिता भी इस कार्यक्रम में सुनिश्चित की जाएगी। इस अवसर पर कृषकों, गौठान समितियों एवं स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को विभिन्न खाद्यान-दलहन, तिलहन, सब्जी, चारा आदि फसलों के बीज एवं पौध सामग्री विश्वविद्यालय द्वारा विकसित एवं प्रचलित लघु कृषि यंत्रों तथा औजारों का वितरण भी किया जाएगा। इस अवसर पर प्रगतिशील कृषकों का सम्मान भी किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान कृषक प्रशिक्षण एवं कृषक संगोष्ठियों का आयोजन भी किया जाएगा जिसमें कृषकों की तकनीकी समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा आयोजित अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस में कृषकों, गौठान समितियों एवं स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को फल-फूल एवं सब्जी फसलों की पौध सामग्री का वितरण किया जाएगा। बीजों के साथ ही तकनीकी जानकारी भी मुद्रित रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। कृषकों, गौठान समितियों एवं स्व-समूहों के सदस्यों को महाविद्यालयों, अनुसंधान केन्द्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों में आमंत्रित कर उन्हें नवीन बीजों एवं कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ बायोइन्क्यूबेशन प्रमोशन सोसायटी एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 15 हजार लीटर बायोफर्टिलाइजर का वितरण गौठानों में तैयार वर्मिकम्पोस्ट को समृद्ध बनाने हेतु किया जाएगा। कम्पोस्ट एनरिचमैन्ट हेतु विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा गौठान समितियों के सदस्यों को आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।