दैहिक शोषण व ब्लैकमेल से त्रस्त किशोरी झूली फांसी पर, आरोपी को मिली कुल 28 वर्ष कारावास की सजा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। बचपन के परिचय से दैहिक शोषण व ब्लैकमेलिंग की शिकार किशोरी द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में अदालत द्वारा फैसला सुनाया गया है। मामले के आरोपी को अदालत ने विभिन्न धाराओं के तहत कुल 28 वर्ष के कारावास से दंडित किया है। यह फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट में सोमवार को सुनाया गया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक पूजा मोंगरी ने पैरवी की थी।

मामला धमधा थाना क्षेत्र का है। आरोपी ऋषि यादव (27 वर्ष) पीड़ित किशोरी का पड़ोसी था। बचपन से परिचय का फायदा उठाकर ऋषि ने बहला-फुसलाकर किशोरी के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बना लिए थे। इस दौरान उसने किशोरी के साथ अंतरंग संबंधों की वीडियो व फोटो भी बना लिया था। जिसके बाद परिजनों की अनुपस्थिति में आरोपी प्रायः किशोरी के घर में जबरिया प्रवेश कर शारीरिक संबंध बनाने लगा था। विरोध करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे मजबूर करता था। यह सिलसिला लगभग तीन वर्षों तक चलता रहा। मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना से परेशान किशोरी का सब्र जवाब दे दिया और ऋषि यादव की हरकत की जानकारी अपने पिता को दी। जिसके बाद शिकायत पुलिस में की गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने ऋषि यादव के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की और आरोपी को 24 अक्टूबर 2017 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसी दरम्यान किशोरी ने 27 नवंबर 2017 को फांसी लगाकर जान दे दी। विवेचना पूर्ण होने के पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए पुलिस द्वारा अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में न्यायाधीश मधु तिवारी की अदालत में किया गया। प्रकरण पर विचारण के पश्चात आरोपी को घर में बलात प्रवेश कर शारीरिक संबंध बनाने, ब्लैकमेल करने, किशोरी को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का दोषी करार दिया। अदालत ने अभियुक्त ऋषि यादव को दफा 450 के तहत 7 वर्ष, 376(2)(ढ) के तहत 10 वर्ष, 506(1) के तहत 1 वर्ष तथा 306 के तहत 10 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। वहीं अभियुक्त को कुल 7 हजार रुपए के अर्थदण्ड से भी दंडित किया गया है। अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं करने पर अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।