दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने की मांग को लेकर आज भारतीय किसान संघ द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। किसान संघ ने मांग की है कि किसानों को उसकी उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की बजाए लाभकारी मूल्य दिया जाए। इसके लिए केंद्र सरकार से संगठन ने कानून बनाए जाने की मांग की है। साथ ही मंहगाई बढने पर उसके अनुपात में किसानों की उपज का वास्तविक मूल्य दिए जाने की मांग भी की गई है।
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के अनुशांगिक संगठन भारतीय किसान संघ ने किसानों को उनकी उपज की लागत के अनुसार फसल का मूल्य नहीं मिलने तथा छत्तीसगढ़ में सूखा की हालत पर चिंता जाहिर की है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की बजाए लाभकारी मूल्य दिलाए जाने वकालत संघ ने की है। इस घोषित मूल्य पर ही किसान की फसल की खरीदी किए जाने की व्यवस्था मंडी के भीतर अथवा बाहर की जानी चाहिए। घोषित मूल्य पर खरीदी नहीं किए जाने को अपराध माना जाए। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से कानून बनाने की मांग की है। संगठन ने फसल खरीदी करने वाले व्यवसायियों के लिए एक पोर्टल बनाए जाने का सुझाव दिया है। जिसमें व्यापारी का पंजीयन हो और फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए बैंक में सिक्यूरिटी रकम जमा कराई जाए। कृषि न्यायालय का गठन किया जाए। इसके अलावा किसान संघ ने छत्तीसगढ़ में सूखे की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार से प्रभावित किसानों को 9 हजार रुपए की बजाए 20 हजार रुपए प्रति एकड़ सहायता राशि देने, प्रति एकड 20 क्विंटल धान की खरीदी करने की मांग भी की है। संगठन के पदाधिकारी डॉ. विशाल चंद्राकर ने कहा कि यदि इन मांगों पर विचार कर अमल नहीं किया जाता है तो आंदोलन का विस्तार किया जाएगा।