दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार का नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट अस्पताल को मिला है। प्रदेश में इस सर्टिफिकेट के लिए दो अस्पतालों को चुना गया था। बीते दो वर्षों में अपनी शानदार सेवाओं के चलते सीएचसी पाटन की विश्वसनीयता बढ़ी और यहां मेडिकल सुविधाओं का खासा विस्तार हुआ जिसकी वजह से यह बड़ी सफलता मिल पाई। केंद्र सरकार की टीम ने जुलाई महीने में इस सीएचसी का मूल्यांकन किया था।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार के मूल्यांकन के मानदंड काफी सख्त होते हैं और इस बात की गहरी खुशी है कि पाटन सीएचसी मूल्यांकन में खरी उतरी और इसे गुणवत्ता सर्टिफिकेट के लिए चुना गया। पाटन बीएमओ डॉ. आशीष शर्मा ने बताया कि इसके लिए तीन स्तर पर मूल्यांकन किया गया। 8 प्रकार के क्षेत्रों में अस्पताल का कार्य देखा गया। इसमें अस्पताल में दी जाने वाली सेवाएं, मरीजों के अधिकार, अधोसंरचना, उपकरणों की उपलब्धता, सपोर्ट सिस्टम (मरीजों को दिये जाने वाले खाने की गुणवत्ता, सुरक्षा, बुनियादी सुविधाएं आदि), क्लीनिकल सर्विसेज, लैब टेस्ट, इंफेक्शन कंट्रोल आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 65 मानदंडों में जांच की गई और इसमें 297 बिन्दु शामिल थे। इन बिन्दुओं में एक्सीडेंट मैनेजमेंट, न्यू बार्न स्टैबलाइजेशन यूनिट, 24 घंटे ओटी, ब्लड यूनिट की उपलब्धता आदि की सुविधाओं के बिन्दु शामिल थे।
सीजेरियन डिलीवरी के साथ बढ़ी सुविधाएं
पाटन सीएचसी में पहले की तुलना में 40 प्रतिशत ओपीडी बढ़ गई है। सबसे खास उपलब्धि यह है कि सीजेरियन डिलीवरी के लिए प्राइवेट हास्पिटल अथवा दुर्ग जिला अस्पताल नहीं जाना पड़ रहा। साल भर में 40 सीजेरियन डिलीवरी इस अस्पताल में हुई। इसके लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ, एनस्थीसिया विशेषज्ञ आदि का पर्याप्त स्टाफ होने की वजह से सब कुछ सहजता पूर्वक संपन्न हुआ। दूसरी बड़ी उपलब्धि डायग्नोस्टिक सर्विसेज को लेकर है। यहां अस्पताल में आटोएनालाइजर उपलब्ध है। इसके माध्यम से बायोकेमेस्ट्री से संबंधित अनेक टेस्ट जैसे लिपिड प्रोफाइल, सोडियम, पोटैशियन आदि के टेस्ट आसानी से हो रहे हैं। इसके साथ ही हमर लैब स्थापित करने की कार्रवाई भी की जा रही है जिससे टेस्ट का दायरा और भी बढ़ जाएगा तथा विस्तारित सेटअप होने से नजदीकी केंद्रों के सैंपल भी यहीं टेस्ट किये जा सकेंगे।
वेंटिलेटर और बाइपैप भी
पाटन सीएचसी में 20 आक्सीजन बेड्स की सुविधा है। इसके अलावा वेंटिलेटर और बाइपैप मशीन भी है। गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए एनआरसी भी आरंभ किया गया है। इसके माध्यम से 28 बच्चों को पूरी तरह से गंभीर कुपोषण के दायरे से बाहर लाया गया है। फिलहाल 7 बच्चों का ट्रीटमेंट यहां चल रहा है।