मां बमलेश्वरी मंदिर के पट खुले, पर नहीं पहुंच रहे श्रद्धालु, दुकानदारों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या

दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कमी आने के बाद राज्य के प्रायः सभी जिलों में लॉकडाउन समाप्त कर दिया गया है। वहीं मंदिरों के पट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए है। इसके बावजूद मंदिरों में काफी कम संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। जिसका असर मंदिर परिसर में पूजा व अन्य सामग्री बेचने का कारोबार करने वालें दुकानदारों पर पड़ रहा है। उनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। अब इन्हें सरकार से सहयोग की अपेक्षा है। कुछ यहीं स्थिति छत्तीसगढ़ में श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र डोंगरगढ़ स्थित मां बमलेश्वरी मंदिर की भी बनी हुई हैं।

बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कहर से प्रभावित राजनांदगांव जिला में 9 अप्रैल से पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया था। लगभग 48 दिनों के बाद लॉकडाउन में आंशिक रियायत देना प्रशासन ने प्रारंभ किया था। स्थिति नियंत्रण में आने के बाद फिलहाल सभी गतिविधियों को संचालित किए जाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। जिसके तहत जिले के सभी धार्मिक स्थलों को भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। सामान्य दिनों में डोंगरगढ़ स्थित मां बमलेश्वरी मंदिर में हजारों की संख्या में दर्शनार्थी मां के दर्शन व पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुंचते रहे थे, लेकिन इस लॉकडाउन के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट आई है। स्थिति यह है कि गिने-चुने श्रद्धालु ही मां के दरबार में पहुंच रहे हैं। जिसका असर यहां पूजा सामग्री के साथ अन्य सामान बेच कर जीवन यापन करने वालों पर काफी पड़ा है। स्थिति यह है कि इनके समक्ष रोजी-रोटी की व्यवस्था करने की समस्या उत्पन्न हो गई है। इस स्थिति में इन्होनें सरकार से आर्थिक सहयोग प्रदान किए जाने की मांग की है। मंदिर परिसर में पूजा सामग्री की दुकान संचालित करने वाली शुभांगी श्यामकुवंर तथा हीरालाल मेश्राम ने बताया कि मंदिर में दर्शनार्थियों के ना आने उनके दुकानों से सामान की बिक्री काफी कम हो गई है। जिससे उन्हें काफी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। दर्शनार्थियों के कम आने के लिए वे यहां के रोपवे के बंद होने को भी मान रहे हैं। उन्होंने इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार से आर्थिक सहायता की भी मांग की है।