नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आदेश जारी कर कहा है कि सभी प्रकार के इस्पात को राजमार्ग निर्माण के लिए प्रयोग कर सकते हैं। चाहे वह अयस्क हो, बिल्ट हो, छर्रों से बना हो या स्क्रैप को पिघला कर बनाया गया हो। यदि इस्पात विशिष्ट ग्रेड के लिए आवश्यक मानकों को पूरा करता है, तो इसे राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। इस्तेमाल किए जाने वाले स्टील की अनुमति दिए जाने से पूर्व इसका तीसरे पक्ष द्वारा जांच के रूप में एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जाएगा। यह कदम हितधारकों के साथ विश्लेषण और विचार-विमर्श तथा तकनीकी राय के बाद उठाया गया है।
इससे पहले अनुबंध प्रावधानों में केवल प्राथमिक, एकीकृत स्टील उत्पादकों द्वारा उत्पादित इस्पात के उपयोग की आवश्यकता होती थी। इस्पात की कीमतों में वृद्धि से राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की लागत प्रभावित हो सकती है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राजमार्ग निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता को प्रभावित किए बिना सभी शर्तों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता का सुझाव दिया था।
इस कदम से राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में प्रयुक्त स्टील के लिए आपूर्तिकर्ता आधार बढ़ेगा। जिससे बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धा तथा बेहतर कीमत की खोज होगी। यह युक्ति नई तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देगी। साथ ही यह आपूर्तिकर्ताओं पर प्रतिबंध को कम करने और खरीद प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री द्वारा लागत को कम करने के निरंतर प्रयास का भी हिस्सा है।