घर में जबरिया प्रवेश कर 75 वर्षीय वृद्धा से किया अनाचार, युवक को मिली 17 साल की कैद

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। ग्राम की वृद्ध महिला से अनाचार किए जाने के मामले में अदालत द्वारा आरोपी युवक को 17 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। इस मामले में पीडि़ता के 75 वर्षीय होने की जानकारी विचारण के दौरान न्यायालय के समक्ष आई है। प्रकरण पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा है कि समाज का भी यह नैतिक कर्तव्य है कि महिलाओं के हितों का संरक्षण करे और रिश्ते की मर्यादा का सम्मान करे। अभियुक्त का कृत्य न केवल राज्य के प्रति अपराध है, बल्कि समाज के प्रति भी अपराध है। अदालत ने अभियुक्त को कुल 17 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) मधु तिवारी की अदालत ने सुनाया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक पूजा मोगरी ने पैरवी की थी।
मामला अंडा थाना क्षेत्र के एक ग्राम का है। घटना दिनांक 24 सितंबर 2018 की दोपहर की है। आरोपी ग्राम कुथरैल निवासी मुकेश साहू (21 वर्ष)पीडि़त वृद्धा के घर में शराब के नशे में जबरदस्ती घुस गया था और उसके साथ अनाचार की घटना को अंजाम दिया था। घटना के समय वृद्ध घर में अकेली थी, पुत्र काम से बाहर गया था। घटना की जानकारी गांव वालों से मिलने पर वह घर पहुंचा और मामले की शिकायत करने अपनी मां के साथ थाना पहुंचा था। शिकायत पर घटना के दो दिन बाद 26 सितंबर 2018 को अंडा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दफा 450, 376 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना पश्चात विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
अपराध कायम करने में पुलिस ने की थी आनाकानी
अदालत में विचारण के दौरान यह जानकारी सामने आई कि अंडा पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत पर अपराध पंजीबद्ध करने में आनाकानी की थी। अनाचार की शिकायत करने पीडि़त वृद्धा अपने पुत्र के साथ घटना दिन को ही अंडा थाना पहुंची थी, लेकिन पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध करने से इंकार कर दिया था। जिसकी जानकारी पीडि़ता की विवाहिता पुत्री को मिली। पुत्री अपने मायके पहुंची और 10-15 ग्रामवासियों के साथ पुलिस थाना पहुंची, जिसके बाद पुलिस ने वारदात के दो दिन बाद आरोपी के खिलाफ जुर्म दर्ज किया था।
अदालत ने सुनाई 17 वर्ष कारावास की सजा
प्रकरण पर विचारण पश्चात न्यायाधीश मधु तिवारी ने अभियुक्त मुकेश साहू को वृद्ध के घर में जबरिया प्रवेश करने और उसकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाए जाने का दोषी माना। प्रकरण में दफा 450 के तहत 7 वर्ष के कारावास व 2 हजार रु. के अर्थदंड तथा दफा 376(1) के तहत 10 वर्ष के कारावास व 2 हजार रु. के अर्थदंड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेगीं। पुलिस द्वारा आरोपी को 27 सितंबर 2018 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जिसके बाद से वह फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरुद्ध है।

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