भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और वायु क्षेत्र प्रतिबंधों के चलते बंद किए गए उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के 32 हवाई अड्डे अब दोबारा खुल गए हैं। भारतीय विमानन नियामक ने यह जानकारी दी है। दोनों परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच शनिवार को हुए संघर्षविराम के बाद यह निर्णय लिया गया।
इन हवाई अड्डों में श्रीनगर, चंडीगढ़, अमृतसर, जैसलमेर, जम्मू, जोधपुर, लेह, और कुल्लू-मनाली सहित कई महत्वपूर्ण हवाई अड्डे शामिल हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने एक अधिसूचना में बताया, “ध्यान दें यात्रीगण; 15 मई 2025 को सुबह 05:29 बजे तक नागरिक उड़ानों के लिए बंद किए गए 32 हवाई अड्डे अब तत्काल प्रभाव से फिर से चालू कर दिए गए हैं।”

AAI ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी उड़ानों की स्थिति सीधे संबंधित एयरलाइनों से जांचें और उनकी वेबसाइट्स पर नियमित अपडेट देखते रहें।
इंडिगो, स्पाइसजेट जैसी प्रमुख एयरलाइनों ने भी इन हवाई अड्डों से अपनी सेवाएं फिर शुरू करने की घोषणा की है। एयरलाइनों और एयरपोर्ट प्राधिकरण द्वारा उड़ानों की पुनर्संरचना, स्टाफ की तैनाती और भीड़ प्रबंधन पर काम किया जा रहा है।
यह बंदी शुरुआत में 24 हवाई अड्डों तक सीमित थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 32 कर दिया गया था। शनिवार को जारी किए गए NOTAMs (नोटिस टू एयरमेन) के जरिए अस्थायी बंदी की घोषणा की गई थी।
एयरस्पेस प्रतिबंध ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद लगाए गए थे, जिसमें भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने मिसाइलों और ड्रोनों से भारत पर हमला करने की कोशिश की, जिसे भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने नाकाम कर दिया।
इससे पहले, भारत ने 30 अप्रैल को पाकिस्तान की एयरलाइनों के लिए अपने वायु क्षेत्र को बंद कर दिया था। यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की हत्या के बाद उठाया गया था। भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकियों का हाथ बताया, जबकि पाकिस्तान ने किसी भी भूमिका से इनकार किया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने करीब 100 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया है और इसके पक्ष में ठोस सबूत पेश किए हैं।
