नई दिल्ली – ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने भले ही आतंक के अड्डों पर निर्णायक वार किया हो, लेकिन इस सैन्य अभियान में देश को पांच वीर जवानों की शहादत का सामना भी करना पड़ा है। हालांकि राहत की बात यह है कि भारतीय वायुसेना के सभी पायलट सुरक्षित वापस लौट आए हैं। यह जानकारी रविवार को नेशनल मीडिया सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने साझा की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल एके भारती, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और मेजर जनरल एसएस शारदा मौजूद थे। उन्होंने बताया कि 7 मई से शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoJK) में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया।

लेफ्टिनेंट जनरल घई, जो वर्तमान में सेना के महानिदेशक सैन्य संचालन (DGMO) हैं, ने बताया कि संघर्ष विराम के बावजूद पाकिस्तान की ओर से शनिवार रात एक बार फिर उल्लंघन किया गया, जिस पर तुरंत हॉटलाइन संदेश भेजकर पाकिस्तान के DGMO को सूचित किया गया।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “यदि दुबारा कोई उल्लंघन होता है, तो हमारी प्रतिक्रिया कठोर और दंडात्मक होगी।”
एयर मार्शल एके भारती, जो वायुसेना के महानिदेशक वायु संचालन हैं, ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान की वायुसेना के फ्रंटलाइन बेस को निशाना बनाया। उन्होंने कहा,
“उनके कुछ विमान हमने निश्चित रूप से गिराए हैं, लेकिन इस समय कोई संख्या नहीं बताई जा सकती।”
राफेल विमान के नुकसान की अटकलों पर उन्होंने जवाब दिया,
“हमने जो लक्ष्य तय किए थे – आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना – उसे पूरी तरह प्राप्त किया है। और यह बात पूरी दुनिया देख रही है। सभी पायलट सुरक्षित हैं।”
प्रमुख निशाने और परिणाम:
भारतीय हमलों में पस्रूर, चुनियां, अरीफवाला, और सरगोधा, रहीम यार खान, चकला (नूर खान), सुक्कुर, भोलेरी और जैकबाबाद जैसे प्रमुख वायुसेना ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया।
सरगोधा एयरबेस खास तौर पर उल्लेखनीय है क्योंकि वहां पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमान तैनात हैं।
इसके अलावा मुरिद में UAV यूनिट, रफीकी एयरबेस में कमांड सेंटर, लाहौर और गुजरांवाला में रडार इंस्टॉलेशन भी भारत के हमलों का निशाना बने।
शहीदों को श्रद्धांजलि
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा,
“मैं अपने पांच वीर साथियों और ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए नागरिकों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनका बलिदान सदैव स्मरण किया जाएगा।”
हालांकि, शहीद जवानों के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
इस ब्रीफिंग से कुछ घंटे पहले थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमा के सैन्य कमांडरों के साथ बैठक की और उन्हें संघर्ष विराम उल्लंघन के मामलों में “पूर्ण अधिकार” सौंपे।
