छत्तीसगढ़ में सूरजमुखी की खेती बनी नई उम्मीद की किरण, केंद्र सरकार ने की सराहना

रायपुर, 27 अप्रैल 2025।
छत्तीसगढ़ के सक्ती और कोडागांव सहित अन्य जिलों में सूरजमुखी की खेती ने एक नई क्रांति की शुरुआत कर दी है। केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (X) पर छत्तीसगढ़ में हो रही सूरजमुखी की खेती की जमकर तारीफ की है। मंत्रालय ने कहा कि यह पहल आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक स्वर्णिम अध्याय की शुरुआत है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित होकर सक्ती जिले के घुइचुनवा गांव के किसान रामायण मान्यवर जैसे कई किसानों ने पारंपरिक फसलों से आगे बढ़कर सूरजमुखी जैसी वैकल्पिक फसलें अपनाई हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों के चलते किसान अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं, पानी पर निर्भरता घटा रहे हैं और फसल उत्पादकता को बढ़ावा दे रहे हैं।

सूरजमुखी की खेती रबी, खरीफ और गर्मी के मौसम में अच्छी तरह फलती-फूलती है, जिससे किसानों को सालभर उत्पादन और आमदनी का अवसर मिल रहा है। इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है और किसान राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा कृषि में विविधता और स्वदेशी तकनीकों को बढ़ावा देने के आह्वान का असर स्पष्ट रूप से दिख रहा है। किसान टिकाऊ, उच्च उपज वाली खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं, जिससे देश का कृषि क्षेत्र पहले से अधिक मजबूत और आत्मनिर्भर बन रहा है।

इसी तरह, कोडागांव जिले में सूरजमुखी की उन्नत किस्म KBSH-78 की पहली सफल फसल ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। खिले हुए सूरजमुखी के फूल न केवल खेतों को सुनहरा बना रहे हैं, बल्कि राज्य में कृषि क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य का भी संकेत दे रहे हैं।

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