पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों ने आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। अधिकारियों ने शनिवार (26 अप्रैल, 2025) को बताया कि आतंकियों के ठिकानों पर छापेमारी हो रही है, उनके घरों को गिराया जा रहा है और सैकड़ों ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
इस बीच, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय (I&B) ने सभी मीडिया चैनलों को सलाह दी है कि वे रक्षा अभियानों और सुरक्षाबलों की मूवमेंट की लाइव कवरेज से बचें ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो।

वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि वह पहलगाम आतंकी हमले की “तटस्थ” जांच के लिए तैयार हैं। हालांकि, भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित “क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद” का हाथ बताया है। इस पर इस्लामाबाद ने अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है।
22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में पहलगाम के प्रसिद्ध बैसारन घास के मैदान में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा और जांच एजेंसियों ने चौकसी बढ़ा दी है।
एक दिन पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के अधिकारियों ने एक सर्वदलीय बैठक में बताया कि बैसारन घास के मैदान को खोलने के लिए पुलिस से कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली गई थी। अब एक वरिष्ठ जम्मू-कश्मीर सरकारी अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि आमतौर पर इस टूरिस्ट स्पॉट को साल भर खुला रखा जाता है, केवल बर्फबारी के मौसम में ही इसे बंद किया जाता है, और इसके लिए पुलिस की अलग से अनुमति लेने की परंपरा नहीं रही है।
सरकार की ओर से सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा तेज कर दी गई है और किसी भी नई आतंकी साजिश को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
