बस्तर ओलंपिक-2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले, “नक्सलवाद का अंत और बस्तर का विकास सुनिश्चित”

जगदलपुर: बस्तर जिले में आयोजित बस्तर ओलंपिक-2024 के समापन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर आने वाले दिनों में शांति, सुरक्षा और विकास की नई मिसाल बनेगा। शाह ने यह भी घोषणा की कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।

गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर से नक्सलवाद समाप्त होने पर यह क्षेत्र कश्मीर से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करेगा। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और मां दंतेश्वरी के आशीर्वाद से बस्तर को पर्यटन का केंद्र बनाया जाएगा। साथ ही छोटे उद्योगों के जरिए रोजगार के अवसर भी बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने बस्तर के युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, “हार मानने वाला कभी नहीं जीतता।”

खेलों के माध्यम से बदलाव की बयार

समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक केवल एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि बस्तर की सांस्कृतिक विरासत, उत्साह, और प्रतिभा का उत्सव है। इस आयोजन में 1.65 लाख से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक से बस्तर के युवाओं को सकारात्मक दिशा देने का अवसर मिला है।

नक्सलवाद के खिलाफ दोहरी रणनीति

अमित शाह ने नक्सलवाद पर सरकार की रणनीति साझा करते हुए कहा कि जो नक्सली हिंसा पर उतारू हैं, उनके खिलाफ सुरक्षा बल सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं। वहीं, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और कौशल विकास के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बीते एक साल में 220 माओवादी मारे गए, 937 गिरफ्तार हुए और 812 ने आत्मसमर्पण किया।

बस्तर के विकास में नई पहल

शाह और मुख्यमंत्री ने बताया कि नियद नेल्ला नार योजना के तहत सड़कों, पुलों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य बुनियादी सुविधाओं को बस्तर के अंदरूनी गांवों तक पहुंचाया जा रहा है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15,000 पक्के मकान बनाए जा रहे हैं।

पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा

गृह मंत्री ने बस्तर के पर्यटन विकास पर जोर देते हुए बताया कि कांगेर घाटी के धुड़मारास गांव को यूएनडब्ल्यूटीओ (UNWTO) द्वारा बेस्ट टूरिज्म विलेज के लिए चुना गया है। इससे बस्तर की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

बस्तर ओलंपिक का संदेश

बस्तर ओलंपिक की सबसे खास बात यह रही कि इसमें 300 से अधिक आत्मसमर्पित माओवादियों और 18 माओवादी हिंसा से प्रभावित दिव्यांग खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। खेलों ने यह संदेश दिया कि बस्तर में अब बदलाव और विकास की बयार बह रही है।

समापन के अवसर पर संदेश

गृह मंत्री शाह ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि बस्तर के युवाओं में साहस, सामर्थ्य और जज्बा है, जो इस क्षेत्र को शांति और विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। नक्सलवाद का अंत और बस्तर का उत्थान निश्चित है।

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