एनसीपी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि बारामती के लोग, जिन्होंने हमेशा बीजेपी को नकारा है, शायद ही अजित पवार के उस फैसले को स्वीकार करें जिसमें उन्होंने उसी पार्टी के साथ हाथ मिलाया जिसे वे सालों से विरोध करते रहे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शरद पवार ने इंटरव्यू में कहा कि बारामती में चुनाव केवल व्यक्तित्व का नहीं, बल्कि विचारधारा का है।
अजित पवार के फैसले पर सवाल
शरद पवार ने कहा, “अजित ने अपने सभी चुनाव बीजेपी के खिलाफ लड़े हैं। अब वे उन्हीं के साथ बैठकर चुनाव लड़ रहे हैं। बारामती के लोगों को यह स्वीकार्य नहीं होगा।” आगामी चुनावों में अजित पवार का मुकाबला उनके भतीजे युगेंद्र पवार से होगा, जो शरद पवार के गुट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
आरक्षण और शिक्षा पर बयान
शरद पवार ने मुसलमानों और मराठाओं के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सभी जरूरतमंद समुदायों को आरक्षण उपलब्ध कराएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आरक्षण के साथ-साथ शिक्षा की बेहतर सुविधाओं पर भी काम किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना
शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके वादों पर घेरा। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने 6 साल पहले समुद्र में शिवाजी की मूर्ति की घोषणा की थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। वह केवल बयान देते हैं, उनके पास कोई ठोस योजना नहीं है। जनता अब समझ गई है कि उनकी सरकार से सकारात्मक कुछ नहीं हो रहा।”
उन्होंने बीजेपी के नेताओं द्वारा “बाटेंगे तो काटेंगे” जैसे बयानों की भी आलोचना की और कहा कि यह समाज को बांटने का प्रयास है। शरद पवार ने कहा, “प्रधानमंत्री को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। वे इसे सांप्रदायिक आधार पर ले जा रहे हैं क्योंकि उन्हें हार का डर है। यह जनता के प्रति अनादर है।”
‘लड़की बहिन योजना’ पर प्रतिक्रिया
महायुति सरकार की “लड़की बहिन योजना” पर पवार ने कहा कि अगर यह योजना समाज के लिए फायदेमंद है, तो इसे अपनाने में कोई बुराई नहीं है, भले ही यह किसी अन्य राज्य से प्रेरित हो।
राजनीति से संन्यास पर सफाई
अपनी राजनीतिक सेवानिवृत्ति पर सवाल को टालते हुए शरद पवार ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन राज्यसभा सदस्य के रूप में जनता की सेवा करते रहेंगे।
चुनाव परिदृश्य
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक चरण में मतदान होगा। बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनसीपी (अजित पवार) की महायुति सरकार का मुकाबला महा विकास अघाड़ी (एमवीए) से है, जिसमें शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं।