दंतेवाड़ा में NMDC पर 1620 करोड़ रुपये का जुर्माना, जिला प्रशासन ने लगाया खनन नियमों के उल्लंघन का आरोप

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है, जहां जिला प्रशासन ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NMDC) पर 1620.49 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। NMDC पर यह जुर्माना दंतेवाड़ा के किरंदुल में अपनी लौह अयस्क खनन संचालन के दौरान खनन पट्टे की शर्तों के उल्लंघन के आरोप में लगाया गया है।

जुर्माने का कारण

दंतेवाड़ा के कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने NMDC किरंदुल को नोटिस जारी करते हुए 1620.49 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है और 15 दिनों के भीतर यह राशि जमा करने का निर्देश दिया है। आदेश में कहा गया है कि NMDC के लौह अयस्क खनन पट्टे, जो कि डिपॉजिट नंबर 11 (874.924 हेक्टेयर), डिपॉजिट नंबर 14 ML (322.368 हेक्टेयर), और डिपॉजिट नंबर 14 NMZ (506.742 हेक्टेयर) के लिए स्वीकृत हैं, के तहत खनन शर्तों का उल्लंघन हुआ है।

जिला प्रशासन ने पहले NMDC को इस संबंध में नोटिस जारी किया था, लेकिन कंपनी द्वारा दिए गए जवाबों को संतोषजनक नहीं पाया गया। नोटिस में उल्लेख किया गया है कि NMDC ने छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन और भंडारण) नियम, 2009 की धारा 4(1) का उल्लंघन किया है।

NMDC की प्रतिक्रिया

NMDC के प्रवक्ता ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “दंतेवाड़ा कलेक्टर के कार्यालय द्वारा जारी किए गए 1620.5 करोड़ रुपये के जुर्माने और मुआवजे के नोटिस से हम हैरान हैं। लौह अयस्क के परिवहन के दौरान रेलवे ट्रांजिट पास (RTP) के बिना खनन करने के आरोप निराधार हैं। NMDC ने हमेशा सभी आवश्यक अनुमतियों के साथ संचालन किया है, जिसमें वैध खनन पट्टा, स्वीकृत खनन योजना, और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) से मंजूरी शामिल हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी बताया कि NMDC छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन, और भंडारण) नियम, 2009 का पूरी तरह से पालन कर रही है। खनन के लिए आवश्यक अग्रिम रॉयल्टी भुगतान राज्य के खानिज-ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाता है, जो कि लौह अयस्क के परिवहन के लिए ई-परमिट जारी करने से पहले आवश्यक होता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर छह महीने में इन रिकॉर्डों की समीक्षा करती है, और अब तक NMDC के संचालन के खिलाफ कोई आपत्ति नहीं उठाई गई है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि NMDC ने शो-कॉज नोटिस में लगाए गए आरोपों के अनुसार किसी भी नियम या विनियम का उल्लंघन नहीं किया है।

निष्कर्ष

यह मामला छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधनों के उपयोग और प्रबंधन पर एक महत्वपूर्ण विवाद को उजागर करता है। जहां जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं, वहीं NMDC अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार मानते हुए उनका खंडन कर रही है। आने वाले समय में इस मामले का क्या परिणाम होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

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