सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान फरवरी माह में दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय वायु सेना एमआई-17 हेलिकॉप्टर के मामले में वायुसेना के 6 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इनमें से दो अधिकारियों को कोर्ट मार्शल तथा चार को प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना होगा। इस दुर्घटना में वायुसेना के 6 जवानों के साथ एक नागरिक की मौत हो गई थी। जांच में भारतीय मिसाइल के वार से इस हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण सामने आया था।
नई दिल्ली। भारत द्वारा श्रीनगर के बालाकोट में पाकिस्तान के खिलाफ 26 फरवरी को सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी। इस सर्जिकल स्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तान द्वारा की गई कार्रवाई का जवाब देने 27 फरवरी को निकला एमआई-17 हेलिकॉप्टर उड़ान के कुछ समय बाद ही बडगाम के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसी दौरान विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ने भी पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर प्लेन को ध्वस्त कर दिया था, हालांकि उनका फाइटर प्लेन दुर्घटना ग्रस्त हो गया था और अभिनंदन पाकिस्तान की गिरफ्त में आ गए थे। श्रीनगर के बडग़ाम के पास 154 यूनिट के हेलिकॉप्टर एमआई-17 के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच किए जाने पर सामने आया कि भारत की ओर से दागी गई मिसाइल की जद में आने से यह दुर्घटना हुई थी। हेलिकॉप्टर में सिद्धार्थ वशिष्ठ के नेतृत्व में स्क्वाड्रन लीडर निनाद मांडगवे, कुमार पांडे, सार्जेंट विक्रांत सेहरावत, कॉर्पोरल दीपक पांडे और पंकज कुमार सवार थे। इन सभी जवानों की मौत हो गई थी साथ ही एक नागरिक को भी इस दुर्घटना में अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
वायुसेना के प्रमुख का पद सम्हालने के बाद आर.के.एस. भदौरिया ने 27 फरवरी को हुई एमआई-17 हेलिकॉप्टर दुर्घटना को वायु सेना की एक बड़ी गलती बताया था। इस मामले के जिम्मेदार वायुसेना के दो एयर कमोडोर व 2 फ्लाइट लेफ्टिनेंट को प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। वहीं दो अधिकारियों को कोर्ट ऑफ मार्शल का सामना करना पड़ेगा।