सीएम बघेल के सख्त तेवर, सूरजपुर डीएफओ, रेंजर और ग्राम केन्वारी पटवारी को किया निलंबित

रायपुर (छत्तीसगढ़)। गौठान बनाने में लापरवाही बरते जाने की जानकारी सामने आने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। इस पर उन्होंने सख्त तेवर दिखाते सूरजपुर जिले के डीएफओ समेत तीन कर्मचारियों को फौरन निलंबित कर दिया। मुख्यमंत्री ने डीएफओ मनीष कश्यप, पूर्व प्रभारी डीएफओ बी एस भगत और फॉरेस्ट रेंजर एस संस्कृति बारले को सस्पेड करने के निर्देश दिए। इन अधिकारियों का सस्पेंशन आदेश जारी कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री गोविंदपुर में चौपाल लगाकर लोगों की शिकायत सुन रहे थे। उन्हें जानकारी मिली कि ये अफसर गौठान बनाने में गड़बड़ी कर रहे हैं। नाराज सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आप लोगों ने मजाक बनाकर रखा है, जनता के कामों को, चलो जाओ यहां से, सस्पेंड करो इनको, जो जिम्मेदार होगा सस्पेंड करिए उनको। ये देखकर सामने बैठी लोगों की भीड़ तालियां बजाने लगी, भीड़ में कुछ लोगों ने कहा मजा आ गया।

इससे पहले सीएम ने रघुनाथ नगर में पेड़ के नीचे अपनी चौपाल लगाई। आस-पास के गांवों से हजारों लोग मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे। यहां जनता ने बताया कि इस इलाके का पटवारी लोगों से खूब वसूली करता है। हर छोटे-मोटे काम के बदले रिश्वत मांगता है। मुख्यमंत्री ने बड़े गौर से लोगों की शिकायतों को सुना। लोगों ने नाम लेकर बताया कि पटवारी किन-किन लोगों से पैसे लिए। फौरन इसके बाद मुख्यमंत्री बोले- इस पटवारी को निलंबित करो। फैसला ऑन द स्पॉट सुनाते हुए सीएम के निर्देश पर पटवारी को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया। इस घूसखोर पटवारी का नाम पन्नालाल सोनवानी है। ये पटवारी ग्राम केन्वारी में पदस्थ था।

इस चौापाल में मुख्यमंत्री से गांव के युवाओं ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की मांग रखी। मुख्यमंत्री ने इस मांग को स्वीकार करते हुए रघुनाथ नगर में कॉलेज खोलने और स्टेडियम बनाने की घोषणा की है। इसके अलावा वाड्रफनगर में लिंक कोर्ट की स्थापना की घोषणा भी की गई।
रघुनाथनगर के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इलाज कराने आए लोगों से मुलाकात की। यहां उन्होंने एक्स रे मशीन का लोकार्पण भी किया। साथ ही प्रसूता प्रभादेवी को जननी सुरक्षा योजना का चेक और बेटी का जन्म प्रमाण पत्र भी दिया। मुख्यमंत्री ने रघुनाथनगर के तहसील दफ्तार का जायजा लिया। मुख्यमंत्री बघेल की घोषणा के बाद ही रघुनाथनगर को तहसील बनाया गया है। राजस्व प्रकरणों के बारे में मुख्यमंत्री ने प्रभारी तहसीलदार से जानकारी ली।

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