गोबर खरीदी में धांधली, एक हजार किलो की जगह दी जा रही 200 किलो की रसीद, डेयरी संचालकों ने घेरा निगम कार्यालय

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नगर निगम दुर्ग के क्षेत्र में गोबर खरीदी में धांधली किए जाने का मामला सामने आया है। मिशन प्रेरक द्वारा एक हजार किलो गोबर लिए जाने के बाद मात्र 200 किलो गोबर की खरीदी की रसीद दिए जाने का आरोप लगाया गया है। इस मुद्दे को लेकर शहर के डेयरी संचालकों ने आज दुर्ग निगम कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया और इस धांधली की शिकायत ईई मोहनपुरी गोस्वामी के समक्ष दर्ज कराई।

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश भर में गोधन न्याय योजना के तहत गौ पालकों से गौबर की खरीदी की जा रही है। यह छत्तीसगढ़ सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट में पलीता लगाने काम दुर्ग निगम क्षेत्र में किया जा रहा है। दुर्ग निगम क्षेत्र के गोबर खरीदी की व्यवस्था पुलगांव में की गई है। यहां मिशन प्रेरक शेखर वर्मा द्वारा यह जिम्मेदारी निभाई जा रही है। आरोप है कि मिशन प्रेरक द्वारा कितनी भी मात्रा का गोबर बेचे जाने पर महज 200 किलो गोबर खरीदी की रसीद दी जा रही है। इस संबंध में दलील यह दी जा रही है कि एक दिन में 2000 किलो गोबर खरीदी किए जाने के निर्देश है। वहीं एक वाहन में दो व्यक्तियों का गोबर होने पर एक ही व्यक्ति को 200 किलो की रसीद शेखर वर्मा दी जा रही है। इस मुद्दे को लेकर सूरज यादव, अनिकेत यादव, रामाधीन यादव, संजय यादव सहित दर्जन भर डेयरी संचालक निगम कार्यालय पहुंचे और व्यवस्था को सुधारवाने की मांग की। जिस पर ईई मोहनपुरी गोस्वामी ने इसका परीक्षण कर समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया है।
दुर्ग निगम क्षेत्र में प्रतिदिन 3000 किलो गोबर का ही उपयोग संभव
बता दें कि दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए तीन केंद्र संचालित है। पुलगांव, पोटिया और बोरसी में संचालित इन केंद्रों में से अधिकतम 3000 किलो गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाए जाने की क्षमता है। जिसके चलते अधिक मात्रा गोबर खरीदी की व्यवस्था करने में तीनों ही केंद्र सक्षम नहीं है। इस व्यवस्था के चलते यह स्थिति निर्मित हो रही है।