तहसील का बंटवारा, 17 ग्रामों के ग्रामीण सहमत नहीं, सरपंचों ने मंत्री को बताई समस्या

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिला मुख्यालय से लगे 17 ग्राम पंचायतों को नवगठित भिलाई-3 तहसील में शामिल किए जाने पर सरपंचों व जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति दर्ज कराई है। जनप्रतिनिधियों ने कहना है कि वर्तमान राजस्व संबंधी समस्या पर महज 12 किमी दूर जिला मुख्यालय स्थिति तहसील व अनुविभागीय कार्यालय जाना पड़ता है, लेकिन भिलाई-3 तहसील में शामिल किए जाने से तहसील कार्यालय के लिए 30 से 35 और अनुविभागीय कार्यालय के लिए 50 से 55 किमी दूर पाटन जाना पड़ेगा।
बता दें कि जिला मुख्यालय से लगे चिखली, कुटेलाभाठा, खपरी, सिरसाखुर्द, भटगांव, जेवरा, समोदा, कचांदूर, ढौर, खेदामारा, बासिन, करंजा-भिलाई, झेंझरी, अरसनारा, रवेलीडीह, बोड़ेगांव व ननकट्टी सहित 17 गांवों को दुर्ग से हटाकर नवगठित भिलाई-3 तहीसल में शामिल कर दिया गया है। इन गांवों के सरपंच व जनप्रतिनिधि इससे नाराज है। नाराज सरपंच और जनप्रतिनिधि मंगलवार को मोर्चा लेकर मंत्री व क्षेत्रीय विधायक मंत्री गुरू रूद्र कुमार से मिलने पहुंचे और तहसील के बंटवारे से से होनी वाली परेशानियों की जानकारी दी। ग्रामीणों ने मंत्री गुरू रूद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा और उक्त गांवों को भिलाई – 3 तहसील से अलग कर पूर्ववत दुर्ग तहसील में रखने की मांग की।
सुविधा की जगह बढ़ेगी परेशानी
सरपंचों व ग्रामीणों का कहना है कि किसानों को नामांतरण, बंटवारा, फौती जसे कामों को लिए तहसील व अनुविभागीय कार्यालय जाना पड़ता है। दूरी अधिक होने के कारण अब इन गांवों को लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जबकि तहसील का विभाजन लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर करने का प्रावधान है।
सीमा निर्धारण पूरी तरह अव्यवहारिक– ग्रामीणों का कहना है कि धान की ख्रीदी-बिक्री के पंजीयन, जमन के डायवर्सन व स्कूली बच्चों के लिए आय व जाति प्रमाण पत्र सहित जरूरी दस्तावेजों के लिए तहसील मुख्यालय बार-बार जाने की जरूरत पड़ती है। बच्चों के लिहाज से यह दूरी काफी ज्यादा है। इस तरह तहसील का सीमा निर्धारण पूरी तरह अव्यवहारिक है।

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