कोरोना संकटकाल में हितग्राहियों को नही मिला आनाज, खाद्य आयोग से सदस्यों ने दिए कार्रवाई के निर्देश

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कोरोना संकटकाल में जहां भोजन मुहैया कराने सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है, वहीं सस्ते आनाज की दुकानों के संचालकों नेे इसे मुनाफाखोरी का जरिया बना लिया। शिकायत के बाद खाद्य आयोग के सदस्यों की टीम द्वारा की गई जांच में इसका खुलासा हुआ। टीम ने स्थानीय खाद्य विभाग के अधिकारियों को तीन दुकानों के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

मंगलवार को खाद्य आयोग के सदस्यों ने भिलाई की तीन राशन दुकानों में दबिश दी। इन दुकान संचालकों ने कई हितग्राहियों को सितंबर का राशन ही नहीं दिया। वहीं एक-दो अथवा तीन नहीं पिछले छह माह का मिट्टी तेल ही नहीं बांटा। सरकार ने चना भेजा उसे भी दबा दिया। आयोग के सदस्यों ने छूटे हितग्राहियों को सामग्री वितरण करने और दुकान संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है।
भिलाई के वार्ड क्रमांक 24 के आशादीप कॉलोनी के लोगों की शिकायत पर खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा, सदस्य पार्वती ढीढी और सचिव राजीव जायसवाल ने शासकीय उचित मूल्य की दुकान की जांच की। आशादीप कॉलोनी के लोगों ने सितंबर का चावल हितग्राहियों को नहीं बांटने की शिकायत की थी। जांच में इसकी पुष्टि हुई। खाद्य आयोग के पदाधिकारियों ने दुकान के दस्तावेजों का भी मिलान किया। इसमें भी व्यापक गड़बड़ी पाई गई। इसके अलावा मौके पर मौजूद राशन दुकान के हितग्राहियों के भी बयान लिए गए। बयान में हितग्राहियों ने दुकान संचालक द्वारा छह माह से मिट्टी तेल वितरण नहीं करने की जानकारी दी। इस पर आयोग के सदस्यों ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को तत्काल छूटे हुए हितग्राहियों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था कर वितरण के निर्देश दिए।
वार्ड क्रमांक 24 के दुकान में गड़बडी़ की पुष्टि के बाद स्थानीय लोगों की डिमांड पर अफसरों ने वार्ड क्रमांक 23 और वार्ड क्रमांक 25 के दुकानों का भी निरीक्षण किया। इसमें से एक दुकान का संचालक टीम के पहुंचने से पहले ताला बंद कर गायब हो गया। वहीं दूसरे दुकान में कई गड़बडिय़ां पाई गई। तीनों दुकानों के खिलाफ टीम ने कार्रवाई की अनुशंसा की।
बताया जा रहा है कि गड़बड़ी वाले दुकान भिलाई की किसी भाजपा नेत्री की करीबियों द्वारा संचालित किया जा रहा था। इन दुकानों के खिलाफ लंबे समय से शिकायत थी, लेकिन राजनैतिक दवाब के कारण कार्रवाई टल रही थी। सरकार बदलने के बाद खाद्य आयोग में भी नई नियुक्तियां नहीं हो पाई है। जांच करने वाले पदाधिकारी भी भाजपा शासनकाल में नियुक्त किए गए हैं। टीम. में आयोोग अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा, पार्वती ढीढी, सदस्य एवं सदस्य सचिव राजीव जायसवाल शामिल थे।