नरवा प्रोजेक्ट के माध्यम से जल संरक्षण की दिशा में गंभीरता से करें कार्य : सच्चिदानंद आलोक

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिला पंचायत के सभागार में नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना अंतर्गत महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने योजना के क्रियान्वयन एवं इसके तकनीकी पहलुओं के बारे में अधिकारियों से विस्तृत रूप से विचार किया। उन्होंने कहा कि नरवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत जितने कार्य चल रहे हैं उनके माध्यम से एक-एक बूंद जल के संरक्षण की दिशा में काम करना है। उन्होंने हैंडलिंग ड्राइंग के माध्यम से विस्तार से इसे समझाया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि नरवा प्रोजेक्ट में चल रहे सभी निर्माण कार्यों को गंभीरता से लेते हुए उसे वर्षा के पूर्व पूर्ण किया जावे, ताकि वर्षा का जल नरवा के माध्यम से जल संरक्षण एवं किसानों को अधिक से अधिक लाभ हो सके, जिसके लिए कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा, सभी अनुविभागीय अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा को निर्देशित किया गया कि नरवा के सभी प्रोजेक्ट में पानी का संचय एवं भविष्य में उसकी उपयोगिता एवं लाभ प्रदर्शित होते रहे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा बताया गया कि सभी बोल्डर, चेकडेम को वर्षा के पूर्व पूर्ण कर लिया जाय, जिसके लिए अधिक से अधिक मजदूरों को शामिल किया जाय । अप्रारंभ कार्यों एवं प्रगतिरत कार्यों को वर्षा के पूर्व युद्धस्तर पर पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया जाये, साथ ही उन्होंने कहा कि नरवा प्रोजेक्ट में उद्यानिकी को जोड़ते हुए नरवा के आस-पास उचित स्थान देखकर स्व सहायता समूहों के माध्यम से बाड़ी विकास कार्यक्रम किया जाये, ताकि बाड़ी से होेने वाली आमदनी एवं सब्जी की अच्छी पैदावार जिले को मिले। जनपद पंचायत दुर्ग के अनुविभागीय अधिकारी के नरवा प्रोजेक्ट में तीव्र गति से कार्य करने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा प्रशंसा की गई।
महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत धान चबूतरा निर्माण कार्यों को यथाशीघ्र वर्षा के पूर्व पूर्ण करने का निर्देष किया गया, जिससे कि चबूतरा का लाभ मिल सके । उसी प्रकार उचित मूल्य की दुकान एवं बच्चों के लिए आंगनबाड़ी निर्माण कार्य में गति लाने का निर्देश दिया गया ।
सभी नवीन पंचायत भवनों को 2 अक्टूबर से पूर्व पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। गौठान निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए सभी गौठान में चारागाह निर्माण का कार्य किया जाना है, जिसके लिए चारागाह की जमीन को वर्षा के पूर्व जोताई कर बीज एवं पानी की व्यवस्था किये जाने हेतु निर्देशित किया गया, साथ ही गौठान में वर्मी कम्पोस्ट टेंक में जैविक खाद उत्पादन के लिए कृषि विभाग को निर्देषित किया गया कि उसकी पैकेजिंग एवं बिक्री में स्व सहायता समूहों को प्रोत्साहित कर जैविक खाद की ओर किसानों को प्रोत्साहित करना है।

You cannot copy content of this page