ऑपरेशन कागर पर वाम दलों का पीएम मोदी को पत्र: माओवादी नेताओं की मुठभेड़ में हत्या पर उठाए सवाल

नई दिल्ली | 10 जून 2025
देश के पांच प्रमुख वाम दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक साझा पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ क्षेत्र में चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कागर’ के अंतर्गत माओवादी नेताओं की मुठभेड़ में हो रही हत्याओं पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इन कार्रवाइयों को “अवैध और गैर-न्यायिक हत्याएं” करार देते हुए तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

वाम दलों का कहना है कि कई वरिष्ठ माओवादी नेता सुरक्षा बलों की हिरासत में हैं, जिनके बारे में खबरें आ रही हैं। पत्र में कहा गया है, “हमें जानकारी मिली है कि कई माओवादी नेता फिलहाल हिरासत में हैं। हम मांग करते हैं कि उन्हें अदालत में पेश किया जाए और कानून के अनुसार प्रक्रिया का पालन किया जाए।”

आदिवासियों के अधिकारों पर चोट का आरोप

पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई से आदिवासियों का सामान्य जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। वाम दलों ने कहा, “संविधान की पांचवीं अनुसूची में आदिवासियों को दिए गए अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। छत्तीसगढ़ की जंगल और खनिज संपदा को कार्पोरेट कंपनियों को सौंपा जा रहा है, जिससे पर्यावरण और स्थानीय लोगों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।”

शव न सौंपने पर जताई नाराज़गी

पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि मुठभेड़ों में मारे गए लोगों के शव परिजनों को नहीं सौंपे जा रहे, जिससे उन्हें सम्मानजनक अंतिम संस्कार का मौका भी नहीं मिल पा रहा है।

बातचीत से समाधान की अपील

वाम दलों ने यह भी दावा किया है कि माओवादी लगातार बातचीत की पेशकश कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार और भाजपा शासित छत्तीसगढ़ सरकार ने संवाद का रास्ता नहीं अपनाया। उन्होंने कहा, “सरकार की नीति हिंसा और खात्मे की है, जो अमानवीय और असंवैधानिक है।”

गृह मंत्री के बयान पर भी सवाल

पत्र में हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयानों का हवाला देते हुए कहा गया है कि सरकार बातचीत नहीं, बल्कि सैन्य समाधान के पक्ष में है।

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