रायपुर, 18 जून 2025: छत्तीसगढ़ सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की श्रृंखला में एक और महत्वपूर्ण कदम जुड़ने जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आगामी 21 जून को जशपुर जिले के तपकरा में आयोजित एक वृहद एवं भव्य कार्यक्रम में चरण पादुका वितरण योजना का प्रदेशव्यापी शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों की महिलाओं को चरण पादुका प्रदान करेंगे।
संकल्प से सिद्धि तक – सरकार ने निभाया वादा
इस योजना को पुनः शुरू करने की घोषणा छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने संकल्प पत्र में की थी। उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया था, जिसे अब राज्य की संवेदनशील सरकार ने पुनर्जीवित करते हुए लागू किया है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन ने 40 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।

12 लाख 40 हजार परिवार होंगे लाभान्वित
इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 12 लाख 40 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों की महिलाओं को निःशुल्क चरण पादुका प्रदान की जाएगी। यह न केवल उनके स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई गई योजना है, बल्कि यह उनकी गरिमा और आत्मसम्मान का भी प्रतीक है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा,
“यह योजना सिर्फ चरण पादुका वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे संग्राहक परिवारों के स्वाभिमान और सामाजिक सुरक्षा का सम्मान है। तेंदूपत्ता संग्राहक राज्य की अर्थव्यवस्था और वनोपज आधारित जीवनशैली में रीढ़ की हड्डी के समान हैं।”
745 करोड़ की तेंदूपत्ता खरीदी – मेहनत का प्रतिफल
इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य अप्रैल के तीसरे सप्ताह से शुरू होकर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। राज्य की 902 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से 10,631 फड़ों में संग्रहण हुआ।
हालांकि इस वर्ष असमय वर्षा, तूफान और ओलावृष्टि के कारण फसल प्रभावित हुई, फिर भी 11.40 लाख से अधिक संग्राहक परिवारों ने 13.54 लाख मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण कर फड़ों में विक्रय किया।
👉 745 करोड़ रुपये का कुल क्रय मूल्य बना,
👉 जिसमें से 300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पहले ही डीबीटी के माध्यम से संग्राहकों के खातों में अंतरित की जा चुकी है।
👉 शेष राशि का भुगतान प्रक्रिया में है।
चरण पादुका योजना: महिला सशक्तिकरण की नई दिशा
यह योजना तेंदूपत्ता संग्राहक महिलाओं की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य करने की चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसका उद्देश्य न केवल उनकी सुविधा सुनिश्चित करना है, बल्कि सम्मान और गरिमा के साथ उन्हें सशक्त बनाना भी है।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चरण पादुका योजना की पुनः शुरुआत एक संवेदनशील और जनोन्मुखी शासन की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को सहायता, सम्मान और सुरक्षा देने की दृष्टि से ऐतिहासिक साबित होगी।
