योग: मानसिक स्वास्थ्य का प्राकृतिक समाधान, आज की आवश्यकता

रायपुर, 18 जून 2025
मानसिक स्वास्थ्य आज के समय की सबसे गंभीर और चर्चा का विषय बन गया है। तेज़ रफ्तार जीवनशैली, काम का दबाव, सामाजिक प्रतिस्पर्धा और बदलते रिश्तों ने आम इंसान के मानसिक संतुलन को बुरी तरह प्रभावित किया है। ऐसे दौर में योग एक ऐसा माध्यम बनकर उभरा है, जो बिना किसी दुष्प्रभाव के मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।

मानसिक तनाव और योग की भूमिका

वर्तमान समय में अधिकांश लोग तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इन मानसिक विकारों से लड़ने में योग एक प्राकृतिक, सुलभ और प्रभावी उपाय सिद्ध हो रहा है। योग न केवल शरीर को स्वस्थ बनाता है, बल्कि मन को भी स्थिर करता है। योग के नियमित अभ्यास से कॉर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर घटता है और मन में हल्कापन व स्पष्टता आती है।

योग: केवल व्यायाम नहीं, बल्कि सम्पूर्ण जीवनशैली

बहुत से लोग योग को केवल शारीरिक लचीलापन बढ़ाने का माध्यम मानते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि योग एक समग्र जीवनशैली है। पतंजलि के योगसूत्रों में योग को “चित्तवृत्ति निरोधः” कहा गया है, अर्थात् योग मन की चंचलता को नियंत्रित करने का माध्यम है। योग के प्रमुख अंग — जैसे प्राणायाम, ध्यान, योग निद्रा और आसन, मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

चिंता और अवसाद से राहत में सहायक

ध्यान और योग निद्रा जैसी विधियाँ सेरोटोनिन, डोपामिन और GABA जैसे सकारात्मक न्यूरोट्रांसमीटर के स्राव को बढ़ावा देती हैं, जो मानसिक स्थिति को सुदृढ़ करते हैं। Harvard और AIIMS जैसे संस्थानों के शोध बताते हैं कि नियमित योगाभ्यास करने वालों में आत्मविश्वास, भावनात्मक स्थिरता और एकाग्रता में वृद्धि देखी जाती है।

नींद और स्मृति में सुधार

नींद की कमी या अनिद्रा मानसिक विकारों का बड़ा कारण है। योग निद्रा, शवासन और प्राणायाम के अभ्यास से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। AIIMS दिल्ली के एक अध्ययन में यह प्रमाणित किया गया कि योग के नियमित अभ्यास से अनिद्रा से पीड़ित लोगों की नींद की अवधि और गहराई में सुधार हुआ।

साथ ही, प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स और हिप्पोकैम्पस जैसे मस्तिष्क के भाग, जो ध्यान और स्मृति से जुड़े होते हैं, योग से सक्रिय होते हैं। इससे छात्रों, प्रोफेशनल्स और बुज़ुर्गों को ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।

कोविड-19 के दौरान योग की महत्ता

कोविड महामारी के दौरान, जब पूरी दुनिया मानसिक अस्थिरता से जूझ रही थी, तब WHO और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने योग को मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने का प्रमुख साधन बताया। लाखों लोगों ने Common Yoga Protocol के माध्यम से मानसिक शांति प्राप्त की।

सरकारी पहल और छत्तीसगढ़ का योगदान

भारत सरकार ने ‘फिट इंडिया मूवमेंट’, ‘आयुष मंत्रालय’, ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ जैसे अभियानों से योग को आम जनता तक पहुँचाया है। छत्तीसगढ़ में वेलनेस सेंटर, NCD क्लीनिक और लाइफस्टाइल क्लीनिक के माध्यम से सभी जिलों में निशुल्क योगाभ्यास और रोगानुसार योग परामर्श की व्यवस्था की गई है।

निष्कर्ष

योग अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यकता बन चुका है। यह एक ऐसा साधन है, जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलन में रखता है। योग अपनाकर हम न केवल मानसिक विकारों से बच सकते हैं, बल्कि एक संतुलित, शांत और आनंदमय जीवन की ओर भी अग्रसर हो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *