रायपुर, 18 जून 2025।
साहित्य, संस्कृति और विचार के क्षेत्र में प्रतिरोध की परंपरा को सशक्त करने वाले संगठन जन संस्कृति मंच (जसम) का 17वां राष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 12 और 13 जुलाई को झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन सोशल डेवलपमेंट सेंटर, पुरुलिया रोड, रांची में आयोजित होगा, जिसमें देशभर से 500 से अधिक लेखक और संस्कृतिकर्मी भाग लेंगे।
सम्मेलन में छत्तीसगढ़ से भी एक मजबूत प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। राज्य से कई प्रख्यात साहित्यकार, कवि, आलोचक और लोक कलाकार सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं। इनमें शामिल हैं – सियाराम शर्मा, दीपक सिंह, कामिनी त्रिपाठी, कैलाश बनवासी, समीर दीवान, रूपेंद्र तिवारी, डॉ. संजू पूनम, एन. पापा राव, विद्याभूषण, वासुकी प्रसाद उन्मत, बृजेन्द्र कुमार तिवारी, इंद्रकुमार राठौर, अजय शुक्ला, सुनीता शुक्ला, असीम तिवारी, आदित्य सोनी, निहाल सोनी, सुलेमान खान, मुदित मिश्र और राजकुमार सोनी।

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य फ़ासीवादी और विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट सांस्कृतिक प्रतिरोध की रणनीति पर विचार करना है। सम्मेलन में विचार होगा कि जनता को सांस्कृतिक और वैचारिक स्तर पर किस प्रकार से संगठित किया जाए ताकि लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक न्याय की रक्षा की जा सके।
सम्मेलन की मुख्य विशेषताएं:
- प्रतिबद्ध लेखकों और संस्कृतिकर्मियों के बीच संवाद, विमर्श और प्रस्तुति।
- साहित्य, सिनेमा, कला, और लोकसंस्कृति से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श।
- देशभर के प्रतिबद्ध प्रकाशकों की पुस्तक प्रदर्शनी।
- चित्रकला और कविता पोस्टर प्रदर्शनी।
- जसम की राज्य इकाइयों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां।
विशेष आमंत्रित अतिथि:
सम्मेलन में देश की कई जानी-मानी शख्सियतें भी शामिल होंगी:
- वृत्तचित्र निर्माता संजय काक (निर्देशक: Red Ant Dream, Jashn-e-Azadi, Words on Water),
- कथाकार रणेंद्र, लेखक योगेन्द्र आहूजा,
- प्रख्यात बुद्धिजीवी नवशरण कौर,
- अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज,
- फिल्म निर्माता मेघनाथ और बीजू टोप्पो,
- आलोचना पत्रिका के संपादक आशुतोष कुमार,
- लेखक प्रणय कृष्ण।
यह सम्मेलन लोकतांत्रिक सांस्कृतिक आंदोलन को नई दिशा देने के साथ-साथ जनसंस्कृति को और व्यापक बनाने का मंच बनेगा।
