रेत खनन मामलों में लापरवाही पर कार्यवाही: राजनांदगांव के खनि अधिकारी प्रवीण चंद्राकर निलंबित

रायपुर, 15 जून 2025/
राज्य सरकार ने अवैध रेत खनन और उसके परिवहन पर नियंत्रण में गंभीर लापरवाही बरतने के मामले में राजनांदगांव जिले के खनि अधिकारी श्री प्रवीण चंद्राकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह निर्णय खनिज साधन विभाग द्वारा लिया गया है, जो अवैध खनन के विरुद्ध राज्य सरकार की सख्त नीति को दर्शाता है।

❖ क्या है मामला?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिला राजनांदगांव में लंबे समय से खनिज रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर अपेक्षित कार्यवाही नहीं की गई। खनि अधिकारी द्वारा:

  • अवैध खनन गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं किया गया,
  • न ही दोषियों के विरुद्ध समुचित कानूनी कार्यवाही की गई,
  • और न ही रेत के अवैध परिवहन पर रोक के लिए प्रभावी कदम उठाए गए।

इस उदासीनता के चलते न केवल राजस्व की हानि हुई, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन को भी खतरा पहुंचा।

❖ तत्काल निलंबन और मुख्यालय में स्थानांतरण

खनिज साधन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, श्री प्रवीण चंद्राकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, रायपुर निर्धारित किया गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि में उन्हें मुख्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा और विभागीय जांच में सहयोग करना होगा।

❖ सरकार की सख्ती और संदेश

राज्य सरकार ने हाल के वर्षों में अवैध खनन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार, खनन नीति के उल्लंघन और राजस्व क्षति के मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। इसी के तहत प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा रही है, ताकि अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।

इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि शासन अब लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा, और भ्रष्टाचार या उदासीनता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

❖ आगे की कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, इस प्रकरण की विस्तृत जांच की जा रही है और यह देखा जा रहा है कि अधिकारी की लापरवाही के चलते कितनी मात्रा में अवैध रेत का उत्खनन और परिवहन हुआ। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगामी विभागीय कार्रवाई तय की जाएगी। यदि लापरवाही के साथ-साथ भ्रष्टाचार के संकेत मिलते हैं, तो आपराधिक जांच की सिफारिश भी की जा सकती है।

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