पुणे। महाराष्ट्र के पुणे स्थित वाघोली डी-मार्ट में हिंदी बोलने को लेकर हुए विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति को जब मराठी में बात करने के लिए कहा गया, तो उसने जवाब में कहा, “हिंदी ही बोलेंगे।” इस पर विवाद बढ़ गया और दोनों पक्षों में झड़प हो गई।
हिंदी बोलने से किया इनकार, सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक दंपति डी-मार्ट के चेकआउट काउंटर पर खड़ा था, तभी एक व्यक्ति ने उनसे मराठी में बात करने को कहा। इस पर व्यक्ति ने हिंदी बोलने पर जोर दिया और मराठी बोलने से इनकार कर दिया। जब दूसरा व्यक्ति दोबारा मराठी में बोलने की बात कहता है, तो वह कहता है, “नहीं बोलते।” इसी दौरान माहौल गरमा गया और दोनों के बीच हाथापाई होने लगी, जिसे वहां मौजूद अन्य लोगों ने शांत करवाया।

मिश्रित प्रतिक्रियाएं, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर लोग मिश्रित प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यदि कोई महाराष्ट्र में रह रहा है, तो उसे मराठी भाषा बोलनी चाहिए। वहीं, कई अन्य लोगों का कहना है कि हर किसी को अपनी पसंदीदा भाषा में बात करने की आज़ादी होनी चाहिए।
पहले भी हो चुका है भाषाई विवाद
यह घटना तब सामने आई है जब कुछ महीने पहले पुणे के वाकडेवाड़ी में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने एयरटेल के एक मैनेजर की पिटाई की थी। दरअसल, एयरटेल के कर्मचारियों को हिंदी में बात करने के लिए मजबूर किया गया था और मराठी बोलने पर उनकी नौकरी जाने की धमकी दी गई थी। इसके अलावा, उन्हें मराठी त्योहारों की छुट्टियां भी नहीं दी जा रही थीं और पिछले तीन महीनों से वेतन भी नहीं मिला था। शिकायत मिलने पर MNS के कार्यकर्ताओं ने एयरटेल ऑफिस में घुसकर मैनेजर की पिटाई कर दी थी।
भाषा का मुद्दा बना राजनीति का केंद्र
महाराष्ट्र में भाषाई अस्मिता को लेकर राजनीति तेज हो गई है। हिंदी और मराठी को लेकर जारी यह विवाद बताता है कि भाषा का मुद्दा अब केवल बोलचाल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और राजनीतिक बहस का विषय बन गया है।
