छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में नक्सली आत्मसमर्पण नीति सहित कई महत्वपूर्ण फैसले

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विश्नुदेव साय की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें नक्सलियों के आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति, जल संसाधन प्रबंधन, औद्योगिक सुरक्षा और सुशासन से जुड़े कई अहम निर्णय शामिल हैं।

नक्सली आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति को मिली मंजूरी

राज्य सरकार ने नक्सली समस्या के समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ नक्सली आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी दी। यह नीति छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 की जगह लेगी। इस नई नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को वित्तीय सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।

औद्योगिक सुरक्षा और निजी विश्वविद्यालयों से जुड़े विधेयक को स्वीकृति

कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल विधेयक-2025, छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक-2025 और छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना और संचालन) (संशोधन) विधेयक-2025 को मंजूरी दे दी है।

फिल्म “छावा” को टैक्स फ्री किया गया

27 फरवरी को मुख्यमंत्री ने फिल्म “छावा” को टैक्स फ्री करने की घोषणा की थी। इस घोषणा को अमल में लाने के लिए राज्य वस्तु एवं सेवा कर (SGST) की प्रतिपूर्ति को मंजूरी दी गई।

राज्य जल सूचना केंद्र (SWIC) की स्थापना

राज्य में जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए राज्य जल सूचना केंद्र (SWIC) स्थापित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) करने की अनुमति दी गई।

SWIC के तहत वर्षा, नदी-जलाशयों का स्तर, भूजल गुणवत्ता, गाद, नहरों में जल प्रवाह, फसल कवरेज, जलभृत मानचित्रण, भूमि और मृदा संबंधी डेटा एकत्र किया जाएगा। यह केंद्र डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जल प्रबंधन की नीतियों और रणनीतियों को मजबूत करेगा।

522.22 करोड़ रुपये की ऋण मंजूरी

राज्य सरकार ने जल संसाधन विभाग के तहत 9 बांधों के सुधार कार्यों के लिए 522.22 करोड़ रुपये की ऋण स्वीकृति को मंजूरी दी। इन बांधों में मनियारी टैंक, घोंघा टैंक, दूधावा, किंकरी, सोनधूर, मुरुमसिली (भाग-2), रविशंकर सागर परियोजना (भाग-2), न्यूज़ रुद्री बैराज और पेंड्रावन टैंक शामिल हैं।

मुख्यमंत्री सुशासन फैलोशिप योजना की शुरुआत

राज्य में युवाओं की भागीदारी से सुशासन को मजबूत करने के लिए “मुख्यमंत्री सुशासन फैलोशिप योजना” शुरू करने का फैसला किया गया। यह योजना आईआईएम रायपुर और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन, नई दिल्ली के सहयोग से चलाई जाएगी।

  • इस योजना में केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासी युवा भाग ले सकते हैं।
  • सफल प्रतिभागियों को आईआईएम रायपुर से एमबीए की डिग्री दी जाएगी।
  • पहले दो साल तक IIM रायपुर में अकादमिक सत्र, फिर राज्य की योजनाओं और कार्यक्रमों में सहयोग करना होगा।
  • राज्य सरकार सभी खर्च वहन करेगी और प्रतिभागियों को मासिक वजीफा भी दिया जाएगा।

भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार की जांच

कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए इस मामले की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) से कराने का निर्णय लिया है।

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