रायपुर। दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, और इन वाहनों में उपयोग की जाने वाली बैटरी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा लिथियम है। अब तक, बैटरी बनाने के लिए लिथियम विदेश से आयात किया जाता था, जिससे इसकी कीमत काफी ज्यादा होती थी। लेकिन अब छत्तीसगढ़ की बदौलत लिथियम बैटरी देश में ही बनेगी। छत्तीसगढ़ में स्थित पहले लिथियम भंडार की नीलामी हो चुकी है, जो देश का पहला लिथियम भंडार है।
बताया जा रहा है कि देश में अब तक केवल छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार मिले हैं। छत्तीसगढ़ के कटघोरा स्थित पहले लिथियम खदान की नीलामी की जानकारी सोमवार को केंद्र सरकार ने सार्वजनिक की। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी और कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने स्कोप कन्वेंशन सेंटर, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की नीलामी के चौथे दौर की शुरुआत करते हुए यह जानकारी दी।
इस नीलामी के बाद देश में लिथियम बैटरी निर्माण की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। यह देश की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और विदेशी आयात पर निर्भरता कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे न केवल लिथियम बैटरी की कीमत कम होगी, बल्कि इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता और उनकी लोकप्रियता भी बढ़ेगी।
छत्तीसगढ़ में लिथियम भंडार मिलने से राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होने की संभावना है। इससे राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और खनन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। यह नीलामी छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे राज्य के विकास को नई दिशा मिलेगी।
केंद्र सरकार की इस पहल से लिथियम के क्षेत्र में भारत को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलेगी और देश में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी। छत्तीसगढ़ का यह कदम न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।