रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस चुनाव समिति की पहली बैठक में प्रत्याशियों के चयन को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी प्रत्याशी के आवेदन पार्टी के बड़े नेता या फिर चुनाव समिति के सदस्यों से स्वीकार नहीं किए जाएंगे, बल्कि उम्मीद्वारों को 17 से 22 अगस्त तक ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में ही टिकट के लिए आवेदन करना होगा।
15 अगस्त को आधी रात करीब साढ़े 12 बजे तक चली कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया है। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, चुनाव समिति और पीसीसी के अध्यक्ष दीपक बैज, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और स्पीकर चरणदास महंत समेत समिति में शामिल 8 मंत्री और पदाधिकारी मौजूद रहे। पहली बैठक में दावेदारों के आवेदन की प्रक्रिया को लेकर ही फैसला लिया गया है।
दावेदारों से आवेदन की कोई फीस नहीं ली जाएगी। आवेदन पत्र ऑनलाइन अपलोड किया जाएंगे, जिसे भरकर देना होगा। 24 अगस्त तक सभी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में नामों को लेकर मीटिंग पूरी कर ली जाएगी। ब्लॉक कमेटी 1 से 5 नामों का पैनल बनाकर दे सकती हैं, हांलाकि कमेटी के पास आए सारे आवेदन उन्हें डीसीसी यानी जिला कांग्रेस कमेटी को देने होंगे। 26 अगस्त तक ब्लॉक कमेटी के पाए आए आवेदन और उनके प्रस्ताव जिला कांग्रेस कमेटी को देने होंगे। 29 अगस्त तक हर हाल में जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक होनी चाहिए। जिला कांग्रेस कमेटी 3 नामों का पैनल बनाकर पीसीसी यानी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पास सौंपेगी। जिसमें सारे आवेदन और प्रस्ताव दोनों ही शामिल होंगे।
बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जो पिछले चुनाव में पीसीसी अध्यक्ष थे और टीएस सिंहदेव ने अपना अनुभव साझा किया। इस समय कांग्रेस सत्ता में है और मौजूदा हालात में किस तरह काम करना है, इस पर बैठक में चर्चा की गई है। वहीं उम्मीद्वारों के लिए तय किए गए क्राइटेरिया को लेकर सैलजा ने कहा कि सभी की राय यही थी कि दो चीजें होनी चाहिए पार्टी और नेतृत्व के प्रति निष्ठा और दूसरा जीतने वाला कैंडिडेट होना चाहिए।
17 अगस्त से शुरू हो रही आवेदन प्रक्रिया को लेकर प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा है, चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को अपना पूरा ब्यौरा देना होगा कि अब तक उन्होंने कौन से काम किए हैं। उन्होंने कहा कि आवेदनों की छंटनी हमेशा से ही होती आई है और इस बार भी होगी।
ब्लॉक और जिला के बाद इस प्रदेश इलेक्शन कमेटी ही देखती है, इसके बाद सेंट्रल इलेक्शन कमिटी तक जितने भी आवेदन और उनके साथ ब्लॉक, जिला और इलेक्शन कमेटी की सिफारिश भेजी जाएंगी। तब नाम तय किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी और उस बैठक के बाद कोशिश होगी की कुछ नाम पहले जारी किए जाएं।
चुनाव समिति की बैठक में शामिल डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि टिकट के मामले में नेताओं का कोई कोटा नहीं रहेगा। इससे पहले भी केवल एक ही क्राइटेरिया रखा गया था कि विनिंग कैंडिडेट हो। वो कौन और किस नेता से जुड़ा है ये मायने नहीं रखता। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि किसी उम्मीदवार को केवल इसलिए टिकट नहीं दी जानी चाहिए कि वह टीएस सिंहदेव से जुड़े हुए हैं बल्कि उन्हें दिया जाना चाहिए जो जीत सकते हैं। नए चेहरों को लेकर कहा कि पिछली बार सारी पार्टियों को मिलाकर 52 नए चेहरों को जीत मिली थी, इसलिए चुनाव में नए चेहरों को भी मौका दिया जाना चाहिए।