महाराष्ट्र में शिवसेना ने भाजपा के साथ पिछले 30 वर्षो का अपना नाता तोड़ लिया है। केंद्र सरकार में शामिल शिवसेना के एकलौते भारी उद्योग मंत्री अरविंद सावंत ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भाजपा पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगाया। इस घटनाक्रम के बाद शिवसेना को सरकार बनाने के लिए एनसीपी व कांग्रेस का समर्थन मिलने की संभावना मजबूत हो गई है। देर शाम तक शिवसेना द्वारा राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। इसी बीच संजय राउत को बैचेनी की तकलीफ के कारण मुंबई के लीलावती अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना ने सरकार बनाने की खींचतान के बीच सोमवार को एनडीए से बाहर होने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही गठबंधन की केंद्र सरकार में शिवसेना के एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दे कि एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन देने के लिए एनडीए छोडने की शर्त रखी थी। रविवार को राज्यपाल की ओर से सरकार बनाने का आमंत्रण मिलने के बाद शिवसेना ने यह कदम उठाया। 288 सीटों की महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का समर्थन होना अनिवार्य है। वर्तमान में महाराष्ट्र में शिवसेना के 56 एनसीपी के 54 तथा कांग्रेस के 44 विधायक तथा 29 निर्दलीय विधायक है।
एनसीपी का हो सकता है डिप्टी सीएम
महाराष्ट्र में एनसीपी व कांग्रेस के साथ सरकार बनाने और सामंजस्य स्थापित करने के लिए नए समीकरण बनाए जाने की चर्चा है। जिसके अनुसार सरकार में शिवसेना का मुख्यमंत्री और एनसीपी का उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। वहीं कांग्रेस के सरकार में शामिल होने पर उसे विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) का पद दिया जा सकता है।